Tamil Nadu: लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी कहीं न कहीं अयोध्या में बने राम मंदिर को मुद्दा बनाकर भुनाने की कोशिश कर रही है. इसका असर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक दिखने वाला है. हालांकि, तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके ने भी इसकी काट ढूंढना शुरू कर दिया है. अब तमिलनाडु सरकार भगवान मुरुगन की शरण में पहुंच गई है. डीएमके सरकार 'तमिल भगवान' के तौर पर जाने जाने वाले भगवान मुरुगन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करने वाली है.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन जून या जुलाई में किया जाएगा. हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती मंत्री पी के शेखरबाबू ने बताया कि सम्मेलन में भगवान मुरुगन पर प्रदर्शनियां, सम्मेलन और रिसर्च पेपर पेश किए जाएंगे. तमिलनाडु में राजनीतिक दलों का भगवान मुरुगन की ओर रुख करना कोई नई बात नहीं है. बीजेपी ने 2020 में 'वेल यात्रा' आयोजित की थी, जब एल मुरुगन तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष थे.


पहली बार भगवान की शरण में डीएमके


तमिलनाडु में हो रही 'मंदिर पॉलिटिक्स' को लेकर सबसे ज्यादा हैरानी वाली बात ये है कि डीएमके कहीं न कहीं नास्तिक विचारधारा को मानती है. हालांकि, पार्टी के नेताओं को मंदिरों या मस्जिदों में जाने से नहीं रोका जाता है. हालांकि, ये पहली बार है, जब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार भगवान की ओर रुख कर रही है. माना जा रहा है कि वह कहीं न कहीं हिंदुत्व के रथ पर सवार बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए ऐसा कर रही है. उसे उम्मीद है कि इसका फायदा चुनाव में मिलेगा.


बीजेपी ने डीएमके के फैसले पर क्या कहा?


वहीं, बीजेपी ने डीएमके के इस फैसले को लेकर उसकी आलोचना की है. बीजेपी के राज्य सचिव आर श्रीनिवासन ने कहा, 'सबसे पहले उन्होंने (डीएमके) केंद्र सरकार की योजनाओं की नकल की और उन पर अपने नाम के स्टिकर्स लगा लिए. अब वे हमारी विचारधारा और राजनीति की नकल कर रहे हैं.' श्रीनिवासन ने कहा, 'भगवान मुरुगन को सिर्फ तमिलनाडु तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता, क्योंकि उनकी पूजा पूरे देश में की जाती है. लोग ऐसी चालों में नहीं फंसेंगे.'


राजनीति नहीं कर रही डीएमके: मंत्री शेखरबाबू


बीजेपी को जवाब देते हुए मंत्री शेखरबाबू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने में कोई राजनीति शामिल नहीं है. राज्य सरकार सत्ता में आने के बाद से भगवान मुरुगन पर खर्च कर रही है. उन्होंने कहा कि हमने तिरुचेंदूर मुरुगन मंदिर को राज्य सरकार के मास्टर प्लान में शामिल किया है और मंदिर के नवीनीकरण के लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. हमने पलानी मुरुगन मंदिर के नवीनीकरण के लिए भी 100 करोड़ रुपये आवंटित किए. 


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