Tamil Nadu CM MK Stalin: तमिलनाडु में राज्यपाल बनाम सरकार की लड़ाई खूब चर्चा में है. यहां विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर ताजा विवाद शुरू हुआ, जिसमें राज्यपाल ने सरकार की तरफ से तैयार किए गए अभिभाषण में बदलाव किया और उसमें अपना कुछ हिस्सा जोड़कर पढ़ दिया. जिसका तमाम मंत्री और विधायक विरोध कर रहे हैं. इसी बीच अब तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की तरफ से इस मामले को खत्म करने के संकेत दिए गए हैं. उन्होंने कहा है कि वो राज्यपाल आरएन रवि के साथ चल रही तनातनी पर अब कुछ भी बात नहीं करना चाहते हैं और इस मुद्दे को राजनीतिक नहीं बनाना चाहते हैं.


राज्यपाल को लेकर क्या बोले सीएम स्टालिन 
राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देते हुए, सीएम स्टालिन ने कहा कि राज्यपाल रवि ने तमिलनाडु सरकार के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की सराहना करते हुए अपना संबोधन दिया. उन्होंने 9 जनवरी को सदन में दिए अपने संबोधन में विकास के उद्देश्य से भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों का भी जिक्र किया. सीएम स्टालिन ने कहा, "उस दिन जो हुआ मैं उस पर फिर से बात करना और उसका राजनीतिकरण करना पसंद नहीं करता हूं, मैं सरकार की ओर से माननीय राज्यपाल को सदन में उनके अभिभाषण के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं."


राज्यपाल के खिलाफ गुस्सा
हालांकि स्टालिन ने कहा कि सदन और जनता इस बात से वाकिफ है कि जनता की चुनी गई सरकार की गरिमा की रक्षा के लिए वो अपनी शक्ति से परे भी काम करेंगे. बता दें कि राज्यपाल रवि ने सोमवार 9 जनवरी को राज्य विधानसभा में अपने परंपरागत अभिभाषण से हटकर संबोधन दिया था और स्टालिन ने इसके खिलाफ एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसके बाद राज्य सरकार और राजभवन के बीच पहले से टकराव वाले संबंधों में और तनाव आ गया. 


राज्यपाल के अभिभाषण के बाद से डीएमके नीत गठबंधन ने राज्यपाल को लेकर कहा था कि वो तमिलनाडु में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सनातन नीतियों’ को थोपने की कोशिश कर रहे हैं. राज्यपाल रवि ने राज्य को ‘तमिझगम’ पुकारा था, जिसे लेकर जमकर बवाल हुआ. अब डीएमके नेता राज्यपाल का इस्तीफा मांग रहे हैं.  



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