Tamil Nadu Governor Vs DMK: तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और राजभवन के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. राज्यपाल का विधानसभा से वॉकआउट करना और तमिलनाडु बनाम तमिझगम (Thamizhagam) विवाद में राज्यपाल आरएन रवि की हाल की टिप्पणियों ने डीएमके के विधायकों को नाराज कर दिया है. डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने मंगलवार (10 जनवरी) को अपनी पार्टी के विधायकों से विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल आरएन रवि पर कोई अप्रिय टिप्पणी नहीं करने का अनुरोध भी किया. सूत्रों ने ये जानकारी दी.
दरअसल, सदन में सरकार ने राज्यपाल आर. एन. रवि पर विधानसभा में दिए अभिभाषण में कुछ अंशों को छोड़ने का आरोप लगाया था. इसके बाद मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस बदलाव को खारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जबकि रवि सदन से वॉकआउट कर गए जो विधानसभा के इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है.
पोंगल आमंत्रण पर विवाद छिड़ा
इसके अलावा राज्यपाल के पोंगल निमंत्रण में तमिलनाडु सरकार के बजाय "थमिज़हागा अज़ुनार" का उपयोग किया गया. राजभवन के पोंगल समारोह के निमंत्रण पर कथित रूप से राज्य सरकार का प्रतीक चिन्ह नहीं होने पर एक और विवाद छिड़ गया. कई लोगों ने आरोप लगाया कि आमंत्रण में केवल राष्ट्रीय प्रतीक था. ये निमंत्रण तमिल में है.
राज्यपाल के बयान के बाद हुआ विरोध
पिछले हफ्ते एक कार्यक्रम में राज्यपाल रवि ने कहा था कि, "पूरे देश के लिए जो सब कुछ लागू होगा, उसपर तमिलनाडु नहीं कहता है. यह एक आदत बन गई है. इतने सारे शोध लिखे गए हैं- सभी झूठे और घटिया कल्पना. इसे तोड़ना होगा. सत्य की जीत होनी चाहिए. तमिझगम इसे कहने के लिए अधिक उपयुक्त शब्द है. देश के बाकी हिस्सों ने लंबे समय तक विदेशियों के हाथों बहुत तबाही झेली." तमिलनाडु का अर्थ है "तमिलों का राष्ट्र" जबकि तमिझगम का अर्थ है "तमिल लोगों का निवास" और यह इस क्षेत्र का प्राचीन नाम है."
डीएमके ने राज्यपाल पर लगाए ये आरोप
सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगियों ने राज्यपाल पर आरोप लगाया कि उन्होंने विपक्षी बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए तमिझगम नाम का इस्तेमाल किया. डीएमके नेता टीआर बालू ने कहा, "वह ऐसे बयान देते हैं जो तथ्यात्मक रूप से गलत और संभावित रूप से खतरनाक हैं."
राज्यपाल ने सदन से वॉकआउट किया
सरकार ने राज्यपाल आर. एन. रवि पर विधानसभा में दिए अभिभाषण में कुछ अंशों को छोड़ने का आरोप लगाया. इसके बाद मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने इस बदलाव को खारिज करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जबकि रवि सदन से वॉकआउट कर गए जो विधानसभा के इतिहास में संभवत: पहली बार हुआ है. बीजेपी की तमिलनाडु इकाई ने राज्यपाल रवि का समर्थन किया और इसे अपमानजनक करार दिया. वहीं, सीएम स्टालिन ने राज्यपाल की मौजूदगी में उनके खिलाफ एक प्रस्ताव पेश किया.
एमके स्टालिन ने विधायकों से की अपील
राज्यपाल रवि के अभिभाषण के बाद स्टालिन ने राज्यपाल की ओर से अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिए जाने पर खेद जताया. मुख्यमंत्री ने एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे स्वीकृत कर लिया गया और रवि तुरंत सदन से बाहर चले गए. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने साथ ही अपनी पार्टी के विधायकों से विधानसभा सत्र के दौरान राज्यपाल आरएन रवि पर कोई अप्रिय टिप्पणी नहीं करने का अनुरोध किया. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार को चेन्नई में विधायकों की एक बैठक में स्टालिन ने विधायकों से राज्यपाल आर एन रवि के खिलाफ कोई पोस्टर नहीं लगाने को कहा.
‘गेटआउट रवि’ के पोस्टर लगाए
राज्यपाल रवि की 'तमिलनाडु' के बजाय 'तमिझगम' राज्य के लिए एक अधिक उपयुक्त नाम होगा वाली टिप्पणी को लेकर गुस्सा देखा गया है. यहां तक कि ट्विटर पर ‘हैशटैग गेटआउट रवि’ ट्रेंड करने लगा और कई लोग रवि को राज्यपाल के पद से हटाने की मांग करने लगे. विधानसभा में हुए विवाद के एक दिन बाद शहर के कुछ हिस्सों में हैशटैग ‘गेटआउट रवि’ (रवि बाहर जाओ) लिखे पोस्टर दिखाई दिए. इन पोस्टरों में मुख्यमंत्री एम.के.स्टालिन की तस्वीर को प्रमुखता दी गई है.
राज्यपाल और सत्तारूढ़ द्रमुक व उसके सहयोगी दलों के बीच कई मुद्दों को लेकर विवाद रहा है. सत्तारूढ़ पार्टी के सहयोगी दलों में कांग्रेस, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शामिल हैं.
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