चेन्नई: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद तीन धरों में बंटी एआईएडीएमके में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. दरअसल, एआईएडीएमके से अलग होकर अम्मा मक्कल मुनेत्र कषगम (एएमएमके) पार्टी बनाने वाले नेता टीटीवी दिनाकरण ने दावा किया है कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को सत्ता से बेदखल करने के प्रयास के तहत उप मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम सितंबर में उनसे मिलना चाहते थे. दिनाकरण ने यह भी कहा कि पनीरसेल्वम ने उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाने की भी पेशकश की थी.
हालांकि दिनाकरण के दावों को सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने खारिज किया है. पार्टी ने कहा कि यह पार्टी में भ्रम की स्थिति पैदा करने के लिए है. एआईएडीएमके ने इस दावों को खारिज किया है वहीं बिजली मंत्री पी थंगामणि ने दिनाकरण पर उल्टा आरोप लगाते हुए कहा कि दिनाकरण ने हाल ही में अपनी एएमएमके का एआईएडीएमके के साथ विलय करने की पेशकश की थी.
एआईएडीएमके से निष्कासित किये जा चुके नेता ने दावा किया कि पनीरसेल्वम ने पिछले साल जुलाई में उनसे मुलाकात की थी और इस साल सितंबर के अंत में फिर उनसे मिलना चाहते थे और इस उद्देश्य के लिये उन्होंने एक साझा मित्र के जरिये संदेश भिजवाया था. दिनाकरण ने कहा कि हालांकि उन्होंने सितंबर में मुलाकात करने से मना कर दिया.
दिनाकरण ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वह (पनीरसेल्वम) मुख्यमंत्री को अपदस्थ करने के लिये मुझसे मिलना चाहते थे.’’ एक टेलीविजन चर्चा के दौरान दिनाकरण के करीबी सहायक थंगा तमिलसेल्वन ने भी एक दिन पहले इसी तरह का बयान दिया था.
दिनाकरण ने कहा कि वह इस सूचना का खुलासा अब कर रहे हैं क्योंकि पनीरसेल्वम एक तरफ सार्वजनिक मंच पर उनकी आलोचना कर रहे हैं, दूसरी ओर संबंधों में सुधार के प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने दावा किया, ‘‘पनीरसेल्वम की दिलचस्पी सिर्फ मुख्यमंत्री बनने में है.उन्होंने पिछले सप्ताह इसकी कोशिश की. मैं इन सब पर विराम लगाना चाहता हूं इसलिए मैंने यह खुलासा किया.’’
सत्तारूढ़ एआईएडीएमके ने दिनाकरण के दावों को खारिज करते हुए कहा कि वह ‘‘हालात का फायदा उठाने की कोशिश कर रहे हैं.’’ पार्टी प्रवक्ता आर एम बाबू मुरुगावेल ने कहा कि दिनाकरण इस तरह का दावा शायद मद्रास उच्च न्यायालय के एआईएडीएमके के 18 विधायकों की अयोग्यता को बरकरार रखने की स्थिति में अपने लोगों को एकजुट रखने के लिये कर रहे हैं. ये विधायक दिनाकरण के साथ थे.
पार्टी सूत्रों ने दावा किया कि कुछ अयोग्य ठहराए गए विधायक दिनाकरण से खुश नहीं हैं और पलानीस्वामी नीत खेमे में जाने के इच्छुक हैं. सत्तारूढ़ दल के मामला जीतने की स्थिति में इसकी काफी संभावना है.
विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने मुख्यमंत्री के खिलाफ अविश्वास जताने वाले एआईएडीएमके के 18 विधायकों को पिछले साल अयोग्य ठहराया था. इन विधायकों ने अपनी अयोग्यता को मद्रास उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
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