Tamil Nadu DVAC Conducts Searches: तमिलनाडु में भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व राज्य मंत्री सी विजयभास्कर (C Vijayabaskar) के घर समेत 13 जगहों पर छापेमारी की है. सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) ने 2020 में अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी करने में अनियमितताओं के संबंध में ये कार्रवाई की है. एजेंसी ने पूर्व नगर प्रशासन मंत्री एसपी वेलुमणि (S.P. Velumani) के ठिकानों पर भी छापे मारे


डीवीएसी (DVAC) ने स्ट्रीट लाइट की खरीद मामले में पूर्व नगर प्रशासन मंत्री एसपी वेलुमणि (S.P. Velumani) के आवास और अन्य जगहों पर भी तलाशी ली, जिसका कुछ विधायकों और कार्यकर्ताओं ने विरोध किया.


पूर्व मंत्री विजयभास्कर के ठिकानों पर छापे


सात सदस्यीय डीवीएसी टीम ने इलुपुर में पूर्व मंत्री विजयभास्कर के घर पर सुबह लगभग 6:30 बजे तलाशी शुरू की. पुलिस सूत्रों ने बताया कि तलाशी के समय विजयभास्कर घर पर मौजूद नहीं थे. चेन्नई, सलेम, मदुरै, थेनी और तिरुवल्लूर में तलाशी ली गई है. ये मामला नेशनल मेडिकल कमीशन के नियमों के खिलाफ वेल्स मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को 2020 में अनिवार्यता प्रमाण पत्र जारी करने में अनियमितता से संबंधित है. डीवीएसी ने पिछले साल अक्टूबर में पुदुकोट्टई जिले में विजयभास्कर के घरों और राज्य के अन्य स्थानों पर उनके और उनकी पत्नी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज करने के बाद एक साथ तलाशी ली थी. 


एसपी वेलुमणि के घर पर छापेमारी का विरोध


डीवीएसी (DVAC) ने स्ट्रीट लाइट की खरीद के लिए अपने करीबी सहयोगियों को निविदाओं के आवंटन में कथित संलिप्तता के लिए मंगलवार को कोयंबटूर में पूर्व नगर प्रशासन मंत्री एसपी वेलुमणि के आवास और अन्य जगहों पर भी तलाशी ली. छापेमारी का कई विधायकों और कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. तमिलनाडु पुलिस ने DVAC द्वारा छापेमारी के खिलाफ कोयंबटूर में राज्य के पूर्व मंत्री एसपी वेलुमणि के आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर एआईएडीएमके (AIADMK) के सात विधायकों और कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया.






एसपी वेलुमणि पर क्या हैं आरोप?


एजेंसी पिछले एक साल में तीसरी बार पूर्व नगर प्रशासन मंत्री एसपी वेलुमणि (S.P. Velumani) के आवास परिसरों की तलाशी ले रही है. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि पूर्व मंत्री ने 2015 से 2018 तक ग्रामीण क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट्स को एलईडी लाइट से बदलने के लिए निविदा देने में अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया


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