Tamil Nadu Elections: कमल हासन को कोयंबटूर दक्षिण में करना पड़ सकता है कड़ी चुनावी लड़ाई का सामना
कमल हासन बाहरी के बयान पर कहते हैं कि वे एक भारतीय है. कमल हासन अपने चुनाव प्रचार में 1 स्टार के बजाय राजनेता का चेहरा आगे रखने की कोशिश कर रहे हैं.अगर कमल को मुस्लिम समुदाय से जमीनी समर्थन मिल जाता है तो वह चुनाव जीत सकते हैं. मुसलमानों और ईसाइयों का इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 प्रतिशत वोट हैं
मक्कल निधि मय्यम पार्टी के प्रमुख कमल हसन कोयंबटूर साउथ से मैदान में है. उनके सामने बीजेपी से महिला मोर्चा अध्यक्ष वानती श्रीनिवासन है. डीएमके-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस नेता मयूरा जयकुमार चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम ने AIADMK के पूर्व नेता चैलेंजर आर डोरिसामी को चुना है, जो एक उद्योगपति हैं. दक्षिण के सुपरस्टार से राजनेता बने कमल हासन को कोयंबटूर दक्षिण में कड़ी चुनावी लड़ाई का सामना करना पड़ सकता है.
बीजेपी के लिए कमल हासन गेस्ट ऑफ कोयंबटूर!
बीजेपी कमल हासन को गेस्ट ऑफ कोयंबटूर मान रही है. आपको बता दें कि वानति श्रीनिवासन यहां कि लोकल है और यहीं बात वह वोटर्स के सामने भी रख रही है. श्रीनिवासन ने 2016 के विधानसभा चुनावों में 21.57 वोटिंग प्रतिशत के साथ अकेले 33,113 वोट हासिल किए थे और AIADMK के उम्मीदवार अम्मान के. अर्जुनन ने 38.94 प्रतिशत के साथ 59,788 वोट पाकर सीट जीती थी.
अन्नाद्रमुक और बीजेपी अब एक चुनावी गठबंधन में हैं और श्रीनिवासन का इस गठबंधन का उम्मीदवार होना उन्हें एक मजबूत स्थिति में रखता है. साल 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में मयूरा जयकुमार ने 27.60 वोटिंग प्रतिशत पर 42,369 वोट हासिल किए थे और एआईएडीएमके के अम्मान के अर्जुनन से चुनाव हार गए थे.
फिल्म देखनी है तो टिकट लें यहां वे नेता के तौर पर आए हैं- कमल हासन
उधर कमल हासन बाहरी के बयान पर कहते हैं कि वे एक भारतीय है. कमल हासन अपने चुनाव प्रचार में 1 स्टार के बजाय राजनेता का चेहरा आगे रखने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि उनके आस पास भीड़ उनके स्टार होने के कारण ज्यादा आकर्षित हो रही है. ऐसे में क्या यह भीड़ वोट में तब्दील होगी यह बड़ा सवाल है. कमल हासन से किसी ने उनके डायलॉग बोलने को लेकर मांग की तो कमल ने साफ कहा कि फिल्म देखनी है तो टिकट लें यहां वे नेता के तौर पर आए हैं. यानी साफ है भले कमल खुद को नेता की तरह पेश करें लेकिन लोगों के दिल में अभी भी वे स्टार की तरह है. हालांकि तमिलनाडु में स्टार ने नेता बनने की परंपरा रही है लेकिन 2019 के चुनाव में भी कमल फ्लॉप रहें ऐसे में इस बार कमल कितना जादू कर पाएंगे देखना होगा.
अगर कमल को मुस्लिम समुदाय से जमीनी समर्थन मिल जाता है तो वह चुनाव जीत सकते हैं. मुसलमानों और ईसाइयों का इस निर्वाचन क्षेत्र में 25 प्रतिशत वोट हैं और दलितों का 20 प्रतिशत वोट बैंक है. कमल हासन अपनी लोकप्रियता के साथ इन मतदाताओं पर ताकत झोंक रहे हैं. एक और फैक्टर जो कमल के साथ जा सकता है वह ये कि एआईएएमडीके का एक धड़ा नाराज चल रहा है दरअसल एआईएडीएमके के उम्मीदवार को टिकट न मिलने से और सीट बीजेपी को जाने से कई कैडर नाराज है ऐसे में अगर वोट बीजेपी के खिलाफ जाते हैं तो इसका फ़ायदा कमल को हो सकता है.
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