Rajesh Das Convicted: तमिलनाडु के निष्काषित एडीजीपी राजेश दास को अपनी साथी महिला अधिकारी के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में अदालत ने दोषी करार दिया है. विल्लुपुरम की एक अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा और 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. हालांकि उन्हें इस मामले में जमानत भी मिल गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, तमिलनाडु की स्थानीय अदालत ने 2021 के यौन उत्पीड़न मामले में दोषी ठहराए गए निलंबित एडीजीपी राजेश दास की जमानत मंजूर कर ली है. वहीं, याचिका दायर करने के लिए 30 दिन का समय दिया है.
2021 में महिला ऑफिसर ने लगाया था आरोप
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला आईपीएस अधिकारी ने फरवरी 2021 में अपने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. जिसमें आरोप लगाया था कि तत्कालीन मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीसामी की सुरक्षा के लिए गश्त पर ड्यूटी कर रहे थे, उसी समय उन्होंने यौन संबंध बनाए. वही दि प्रिंट की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि शिकायतकर्ता के अनुसार, दास ने उन्हें इस मामले की रिपोर्ट करने से रोकने के लिए, पहले तो विनती की फिर डराया धमकाया और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग भी किया.
इसके बाद अन्नाद्रमुक (एआईएडीएमके) सरकार ने राजेश दास को निलंबित कर दिया था और जांच के लिए 6 सदस्यीय समिति का गठन किया था. अभियोजन टीम के एक सदस्य ने कहा, “अभियोजन पक्ष ने पुलिस कर्मियों सहित 68 लोगों के बयान दर्ज किए थे. अधिकारी अपील कर सकते हैं और तुरंत जमानत की मांग कर सकते हैं.”
इसके बाद राजेश दास को स्थानीय अदालत से बेल मिल भी गई. साल 2021 में मामला सामने आने के बाद ये एक चुनावी मुद्दा बन गया था और उस समय विपक्ष के नेता रहे एमके स्टालिन (मौजूदा मुख्यमंत्री) ने सत्ता में आने के बाद उचित कानूनी प्रक्रिया का आश्वासन दिया था.
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