Magalir Urimai Thittam Scheme: तमिलनाडु की स्टालिन सरकार महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता की योजना लेकर आई है, जिसे लेकर अब हर तरह की जानकारी साझा की गई है. जिसमें बताया गया है कि कौन-कौन इस योजना के तहत लाभ ले सकता है और कैसे परिवार की महिला मुखिया को एक हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे. एमके स्टालिन की पार्टी ने चुनाव में महिलाओं से ये वादा किया था, जिसे अब पूरा किया जा रहा है. इस योजना का नाम 'कलैग्नार मगलिर उरीमई थोगई थिट्टम' रखा गया है.
महिलाओं को लेकर रिपोर्ट्स का जिक्र
स्टालिन सरकार की तरफ से महिलाओं को वित्तीय सहायता देने की इस योजना को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है. इस नोटिफिकेशन में बताया गया है कि भारत में ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट के मुताबिक भारत कैसे पिछड़ा हुआ है. इसमें लिखा गया है कि भारत ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट में 146 देशों की लिस्ट में 127वें नंबर पर है. सरकार की तरफ से कई और रिपोर्ट्स का भी जिक्र किया गया है, जिनमें भारत की महिलाएं आर्थिक तौर पर पिछड़ी हुई हैं.
एक करोड़ महिलाओं को लाभ
तमिलाडु सरकार की तरफ से जारी बयान के मुताबिक इस 'कलैग्नार मगलिर उरीमई थोगई थिट्टम' योजना का लाभ राज्य की करीब 1 करोड़ महिलाओं को मिलेगा. अब आधिकारिक तौर पर इस योजना की शुरुआत हो रही है. राज्य सरकार ने कहा है कि महिलाओं की रोजमर्रा की जिंदगी में आने वाली परेशानियों को दूर करने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है.
ये है योजना की जानकारी
- इस योजना के तहत आवेदन करने वाले परिवार की सालाना आय 2.5 लाख से कम होनी चाहिए. योजना का लाभ लेने वाला परिवार प्रति साल 3600 यूनिट से ज्यादा बिजली खर्च न करता हो. आवेदन करते हुए ही लोग इसकी जानकारी दे सकते हैं.
- इस योजना का लाभ लेने वाली महिला की उम्र कम से कम 21 साल होना जरूरी है. सरकार ने बताया है कि 15 सितंबर 2002 से पहले जन्मी महिलाएं इस योजना के लिए आवेदन कर सकती हैं.
- इसके लिए फैमिली कार्ड रजिस्ट्रेशन जरूरी बताया गया है. जिसका फैमिली कार्ड बना हुआ है, वो योजना के लिए आवेदन कर सकता है. एक कार्ड पर एक ही लाभार्थी को भुगतान किया जाएगा.
- जो महिला परिवार की मुखिया है, उसे ही योजना के तहत 1 हजार रुपये मिलेंगे. फैमिली कार्ड पर जिस महिला का नाम परिवार की मुखिया के तौर पर दर्ज होगा, उसी के खाते में हर महीने पैसे आएंगे. अगर किसी कार्ड में पुरुष का नाम मुखिया के तौर पर है तो ऐसे में उसकी पत्नी को लाभार्थी बनाया जाएगा.
- अगर किसी फैमिली कार्ड में परिवार के मुखिया की पत्नी का नाम दर्ज नहीं है तो किसी दूसरी महिला को लाभार्थी बनाया जा सकता है. बशर्ते उसकी उम्र 21 साल से ज्यादा हो.
- अगर किसी परिवार में कोई अविवाहित महिला, विधवा या फिर ट्रांसजेंडर मुखिया है तो उसे भी इस योजना का लाभ मिलेगा. वो भी योजना के तहत आवेदन कर सकती है.
इस योजना को लेकर मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा था कि ये हमारे कलैग्नार का जन्म शताब्दी वर्ष है, इसीलिए इस योजना का नाम भी उनके नाम पर रखा गया है. उन्होंने दावा किया कि इस योजना से राज्य की लाखों महिलाओं की जिंदगी में सुधार होगा.
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