DMK Government Moves SC On RSS March: तमिलनाडु में RSS के रूट मार्च यानी पथ संचालन को लेकर डीएमके सरकार अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी है. तमिलनाडु की स्टालिन सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में मद्रास हाईकोर्ट के उस निर्णय को चुनौती दी है, जिसमें हाईकोर्ट ने आरएसएस के पथ संचालन को मंजूरी दी थी. डीएमके सरकार ने अपनी याचिका में राज्य की कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए आरएसएस के पथ संचालन को अनुमति नहीं देने की मांग की है. 


राज्य सरकार की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि इस तरह के आयोजन से राज्य में कानून व्यवस्था की समस्या पैदा होगी. याचिका में डीएमके सरकार ने कहा, "वह संविधान के अनुच्छेद 19 (2) के तहत जनहित में नागरिकों के बोलने की आजादी और सभा करने के मौलिक अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगा सकता है." याचिका में कहा गया है, "राज्य सरकार द्वारा प्रतिबंध प्रतिभागियों को नुकसान से बचाने के लिए लगाए थे."


क्या है पूरा मामला?


बता दें कि डीएमके सरकार की ओर से आरएसएस के पथ संचालन कार्यक्रम पर रोक लगा दी गई थी. इस पर RSS ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. संघ की याचिका पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को आरएसएस को पुनर्निर्धारित तिथियों पर तमिलनाडु में अपना पथ संचालन करने की अनुमति देते हुए कहा था, "स्वस्थ लोकतंत्र के लिए विरोध आवश्यक हैं."


RSS को सशर्त मिली थी इजाजत


मद्रास हाईकोर्ट ने 22 सितंबर 2022 को एकल जज बेंच ने आदेश जारी करते हुए आरएसएस के राज्यव्यापी पथ संचालन पर कई शर्तें लगाई थीं. संघ की ओर से आजादी की 75वीं वर्षगांठ, भारत रत्न बीआर अंबेडकर की जयंती और विजयादशमी पर्व पर पथ संचालन करने की अनुमति मांगी गई थी. हालांकि हाईकोर्ट ने इनमें से किसी एक तिथि पर मार्च/शांतिपूर्ण जुलूस निकालने की अनुमति दी थी. 


पुलिस पर हो सकती है कार्रवाई


हाईकोर्ट ने कहा था कि लोक कल्याणकारी राज्य में नागरिकों के अधिकार के प्रति राज्य का दृष्टिकोण कभी भी प्रतिकूल नहीं होना चाहिए. इस विचार के मुताबिक ही शांतिपूर्ण रैलियों, विरोध, जुलूसों या सभाओं की अनुमति देने पर विचार किया जाना चाहिए, ताकि स्वस्थ लोकतंत्र के स्वरूप को बनाए और बचाए रखा जा सके. हमारे देश में संविधान सर्वोच्च है. कोर्ट के आदेश के बाद भी पुलिस ने मार्च निकालने की इजाजत नहीं दी थी. अब पुलिस अधिकारियों पर अदालत की अवमानना करने पर कार्रवाई हो सकती है. 


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