Tamil Nadu Governor RN Ravi Remarks: तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि ने बुधवार (5 अप्रैल) को कोयंबटूर में एक अस्पताल के कार्यक्रम में अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ भेदभाव पर दुख जताया. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के लिए शोर बहुत सुनाई देता है, लेकिन जमीन पर कुछ भी नहीं बदला है. उन्होंने कहा कि इतने वर्षों में हम सामाजिक भेदभाव को खत्म करने पर लगातार बात करते रहे हैं. शायद हमने सामाजिक न्याय को लेकर सबसे ज्यादा आवाज उठाई है, लेकिन दर्द होता है जब अनुसूचित जाति के खिलाफ अन्याय की खबरें सामने आती हैं.
उन्होंने कहा कि जब एक अनुसूचित जाति का पंचायत अध्यक्ष आता है और बताता है कि उसे राष्ट्रीय ध्वज फहराने नहीं दिया जा रहा है. ये दुख देना वाला है. पंचायत बैठकों के दौरान अनुसूचित जाति के अध्यक्षों को एक कोने में बैठने को मजबूर किया जाता है. हमें इस तरह के सामाजिक भेदभाव को खत्म करने के लिए किस तरह के सामाजिक कार्यक्रम करने होंगे?
'अपराध के मामले में कहानी बेहद खराब'
राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि और शोषित और दबे-कुचले लोगों के खिलाफ अपराध के मामले में कहानी बेहद खराब है. उन्होंने कहा, ''मैं अनुसूचित जाति और दबे-कुचले लोगों के खिलाफ अपराध और आपराधिक न्याय प्रणाली की प्रतिक्रिया के आंकड़ों को देख रहा था. मैं स्तब्ध था. अनुसूचित जाति की महिलाओं के साथ रेप जैसे अपराधों में केवल 7 फीसदी लोगों को दोषी ठहराया जाता है और 93 फीसदी लोग छूट जाते हैं.''
राजभवन ने किया ये ट्वीट
राज्यपाल के हवाले से राजभवन ने भी ट्वीट किया, जिसमें लिखा, ''राज्यपाल रवि ने सामाजिक न्याय को लेकर किए जा रहे शोर के बावजूद तमिलनाडु के हमारे अनुसूचित जाति के भाइयों और बहनों के साथ किए जा रहे शर्मनाक और पीड़ादायक सामाजिक और संस्थागत भेदभाव पर अपनी पीड़ा व्यक्त की. ऐसा लगता है कि सहानुभूति के अभाव में सामाजिक न्याय गंभीर समस्याओं के समाधान के लिए पहल होने के बजाय महज राजनीतिक लाभ के लिए लगाया जाना वाला नारा रह गया है.''