Action against Sivaji Krishnamurthy: तमिलनाडु में इन दिनों राज्यपाल आरएन रवि और डीएमके सरकार के बीच खींचतान मची हुई है. हाल ही में राज्यपाल के खिलाफ विवादित बयान देने वाले पूर्व डीएमके नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई कर दी गई है. राज्यपाल की ओर से शिवाजी कृष्णमूर्ति के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया गया है.


वहीं बीजेपी ने राज्यपाल की ओर से मुकदमा दर्ज कराए जाने पर डीएमके की स्टालिन सरकार पर हमला किया है. तमिलनाडु के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "DMK ने उस व्यक्ति को निलंबित कर दिया लेकिन कानून के अनुसार कार्रवाई नहीं की. दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार को अपने कार्यालय के लिए न्याय पाने के लिए मानहानि का मुकदमा करने के लिए मजबूर होना पड़ा."






सीएम स्टालिन पर बीजेपी का वार


बीजेपी ने मुख्यमंत्री पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, "सीएम का मानना है कि डीएमके कैडरों के लिए तमिलनाडु राज्य के अन्य लोगों से अलग हटकर कुछ अन्य कानून हैं." बीजेपी की ओर से शुरू से शिवाजी कृष्णमूर्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. बता दें कि विवाद बढ़ता देख डीएमके ने भी शिवाजी कृष्णमूर्ति को निलंबित कर दिया था.


क्या है पूरा विवाद?


शिवाजी कृष्णमूर्ति ने 12 जनवरी को राज्यपाल आरएन रवि पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था, "अगर राज्यपाल अपने विधानसभा भाषण में आंबेडकर का नाम लेने से इनकार करते हैं, तो क्या मुझे उन पर हमला करने का अधिकार नहीं है?" पूर्व डीएमके नेता ने आगे कहा था, "यदि राज्यपाल, सरकार की ओर से दिए गए भाषण को नहीं पढ़ते हैं, तो कश्मीर चले जाएं और हम आतंकवादी भेजेंगे, वे आपको मार गिराएंगे."






बीजेपी ने खोल दिया था मोर्चा


राज्यपाल के लिए डीएमके नेताओं की विवादित टिप्पणी पर बीजेपी ने निशाना साधा था. तमिलनाडु बीजेपी के उपाध्यक्ष नारायणन थिरुपति ने कहा था, "यह डीएमके की संस्कृति है. पिछले 60 वर्षों से वे गंदी भाषा और गंदी राजनीति का प्रयोग कर रहे हैं. वे इसके लिए जाने जाते हैं. यह डीएमके के डीएनए में है. शिवाजी कृष्णमूर्ति और आरएस भारती ने गवर्नर आरएन रवि को गाली दी थी और कहा था कि वे उन्हें मार देंगे. हमें आश्चर्य है कि क्या DMK का आतंकवादियों से कोई संबंध है."


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