चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एलान किया है कि उनकी सरकार बजट सत्र के दौरान नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेगी. ये बात उन्होंने मंगलवार को विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान कही. स्टालिन ने कहा कि द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएसके) ने बिल पास होने के बाद से किसानों के मुद्दे और केंद्रीय कृषि कानूनों के नकारात्मक प्रभाव को उठाया है. डीएसके कृषि संबंधी कानूनों को पास होने के बाद से ही इन्हें वापस लेने की मांग कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएए ने अल्पसंख्यकों के मन में डर पैदा किया है और यह उनके हितों के खिलाफ है. डीएमके हमेशा ऐसे कानूनों के खिलाफ रही है. स्टालिन ने मंगलवार को विधानसभा में बोलते हुए कहा कि डीएसके किसानों की दुर्दशा को देखते हुए कृषि संबंधी कानूनों को वापस लेने की मांग कर रही है.
कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अटल है सरकार
उन्होंने कहा कि (उनकी) सरकार इन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रस्ताव पारित करने का अपना निर्णय स्पष्ट कर चुकी है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. चूंकि डीएसके के सत्ता संभालने के बाद यह पहला सत्र है और जब राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस चल रही है तब ऐसे प्रस्ताव स्वीकार करना उपयुक्त नहीं होगा.
डीएसके प्रमुख ने पार्टी सदस्य ए तमिलारासी द्वारा उठाए गए एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान कृषि कानूनों और सीएए के मुद्दे को संबोधित करना उचित नहीं था. इसलिए इन विवादास्पद मुद्दों को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान उठाया जाएगा.
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