मदुरै: तमिलनाडु के एक अस्पताल में एचआईवी पीड़ित उस युवक की मौत हो गई जिसका खून एक गर्भवती महिला को चढ़ा दिया गया था. 19 साल के युवक को जब पता चला कि महिला को एचआईवी हो गया है तो उसने चूहे मारने वाली दवा खा ली. जिसके बाद उसकी स्थिति गंभीर हो गई और बाद में उसने दम तोड़ दिया. घटना रविवार की है. घटना पर अधिकारियों ने बताया कि युवक का पिछले तीन दिन से यहां के सरकारी राजाजी अस्पताल में इलाज चल रहा था और उसकी मौत पाचन तंत्र में रक्तस्राव की वजह से हुई.


मदुरै मेडिकल कॉलेज और राजाजी अस्पताल के डीन एस शानमुगसुंदरम ने बताया कि असल में उसकी स्थिति स्थिर बनी हुई थी. लेकिन जो जहर उसने खाया था उससे किसी भी वक्त खून बहना शुरू हो सकता था. आज तड़के पेट में रक्तस्राव हुआ और उसे खून की उल्टी हुई. उल्टी होने के बाद जहर के असर के चलते उसकी मौत हो गई हालांकि मरीज का इलाज प्रोटोकॉल के अनुरूप ही किया गया और उसे चार यूनिट खून भी चढ़ाया गया था.


घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तमिलनाडु स्वास्थ्य मंत्री सी विजयभास्कर को तत्काल बर्खास्त करने और स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन के स्थानांतरण की मांग की. सत्तारूढ़ एआईडीएमके पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि एक सरकारी अस्पताल में एचआईवी संक्रमित खून चढ़ाया गया.


बीजेपी की प्रदेश इकाई की अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदरराजन ने कहा कि सरकारी अस्पताल आम लोगों के लिए शरण स्थल हैं और वहां बेहद कुशल चिकित्सक काम करते हैं. उन्होंने कहा, “राजनीतिक पार्टियों की आलोचना सरकारी अस्पतालों में लोगों के विश्वास को हिलाने वाली नहीं होनी चाहिए.” हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बारे में कोई दोराय नहीं है कि सरकारी अस्पतालों में प्रोटोकॉल का पालन और मरीज की सुरक्षा सुनिश्चित होनी चाहिए.


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