Police On Tamil Nadu Hooch Tragedy: तमिलनाडु पुलिस ने मंगलवार (16 मई) को कहा कि राज्य के इक्कियारकुप्पम और पेरूनकरनाई गांवों में हुई घटना जहरीली शराब पीने की वजह से नहीं, बल्कि मेथनॉल के सेवन के कारण हुई थी. पुलिस के मुताबिक, अवैध शराब बनाने वालों ने यह घातक मिश्रण बनाया था. 


पुलिस महानिदेशक (DGP) सीएस बाबू ने एक विज्ञप्ति में कहा कि विभिन्न व्यक्तियों ने पुडुचेरी के एक शख्स से कार्बनिक रसायन प्राप्त किया था. इस हल्के, उड़नशील और ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है. मेथनॉल में शराब की गंध होती है


कुछ लोगों ने रसायन पदार्थ को चुराकर बेचा


विज्ञप्ति के मुताबिक, पुलिस ने अवैध शराब के निर्माण को रोकने के लिए प्रभावी उपाए किए हैं और उनकी आपूर्ति को रोकने लिए भी प्रभावी कदम उठाए हैं जिससे अवैध शराब उपलब्ध नहीं है. उसमें कहा गया है कि कुछ लोगों ने औद्योगिक इकाइयों से रसायन पदार्थ को चुराकर इसे बेचना शुरू कर दिया जिससे यह हादसा हुआ.


विज्ञप्ति में कहा गया है कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि किस औद्योगिक इकाई से यह मेथनॉल चुराया गया था. साथ में इस गतिविधि में शामिल लोगों के बीच सांठगांठ की भी जांच की जा रही है. विज्ञप्ति में कहा गया है कि विल्लुपुरम जिले में इक्कियारकुप्पम गांव और चेंगलपेट्टू जिले में पुरूनकरनाई गांव से स्पिरिट के नमूने जब्त कर विश्लेषण के लिए भेजे गए थे और रिपोर्ट में कहा गया है कि यह मेथनॉल है, न कि जहरीली शराब, जिससे लोगों की मौत हुई.


स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने यह कहा


उसमें बताया गया है कि स्पिरिट बेचने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच जारी है. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री एम सुब्रमण्यम ने कहा कि जहरीली शराब पीने के बाद करीब 55 लोगों का दोनों जिलों के विभिन्न अस्पतालों में इलाज किया जा रहा है. उन्होंने चेन्नई में मीडिया से कहा कि पीड़ितों के उपचार की निगरानी के लिए एक अधिकारी नियुक्त किया जाएगा


अब तक 22 लोग गंवा चुके हैं जान


जानकारी के मुताबिक, अब तक विल्लुपुरम से 14 और चेंगलपेट्टू जिले से 8 लोगों की मौत हुई है. कुल 22 लोग जान गंवा चुके हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने मृतकों के परिवारवालों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. वहीं, अस्पताल में इलाज करा रहे लोगों को 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी. आगे की जांच के लिए मामले को सीबीसीआईडी को ट्रांसफर किया जाएगा. 


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