चेन्नई: सांड़ों पर काबू पाने के खेल जल्लीकट्टू पर प्रतिबंध लगाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु में आंदोलन और तेज हो गया है. चेन्नई के मरीना बीच समेत पुरे राज्य में लाखों लोग विरोध-प्रदर्शन में जुटे हैं.
उधर फिल्म इंडस्ट्री भी इन समर्थकों के पक्ष में आज भूख हड़ताल पर बैठी. सुपरस्टार रजनीकांत, प्रभु देवा, कमल हासन, धनुष, अजित समेत कई शख्सियत इस प्रदर्शन में जुटी. राज्य में कई संगठनों ने आज बंध का ऐलान किया है. उधर रहमान भी शाम को अपने घर में पानी के साथ इस व्रत को खोलेंगे. सुबह डीएमके के वर्किंग प्रेजिडेंट स्टॅलिन और तमाम कैडर्स ने भी जल्लीकट्टू पर लगे प्रतिबन्ध के खिलाफ रेल रोककर विरोध प्रदर्शन किया और बाद में स्टॅलिन, कनिमोझी को प्रिवेंटिव कस्टडी में लिया गया.
स्टॅलिन ने कहा कि "हम जल्लीकट्टू पर विभिन्न विरोध-प्रदर्शनों का अगुवाई कर रहें हैं. युवाओं का सहयोग सराहनीय है. साथ ही इस मुद्दे पर तमिलनाडु मुख्यमंत्री का ताजा बयान राहत देने वाला है." उधर तमिनाडु मुख्यमंत्री, पनीरसेल्वम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि शाम तक अध्यादेश को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेज दिया जाएगा. पन्नीरसेल्वम ने कहा "हम इस बात की भी उम्मीद करते है कि परसों तक इस अध्यादेश की अधिसूचना भी जारी हो जाएगी.'' साथ ही कहा कि वे खुद जल्लीकट्टू खेल के आयोजन का शुभारंभ करेंगे.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने को स्वीकार कर लिया है. केंद्र और तमिलनाडु सरकार बातचीत कर रही है. जल्लीकट्टू पर अभी सरकार के सामने सभी विकल्प है. सुप्रीम कोर्ट से सरकार ने आग्रह किया कि जल्लीकट्टू पर एक हफ्ते तक कोई फैसला न जारी किया क्योंकि मामला अभी काफी गर्म है, जिसपर सुप्रीम कोर्ट राजी हो गया.
जल्लीकट्टू पर रोक के विरोध में डीमके कार्यकर्ता कल एक दिन का उपवास रखेंगे. एआईडीएमके सांसद कल दोपहर दो बजे जल्लीकट्टू मुद्दे पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात करेंगे.
क्या है जल्लीकट्टू?
इस खेल को लेकर हो रहे प्रदर्शन से जल्लीकट्टू ने राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोर ली हैं. ऐसे में बताते है आपको कि "यह खेल आखिर है क्या" और "जल्लीकट्टू का मतलब क्या होता है"? तमिल भाषा जानने वालों का कहना है कि 'जल्ली' शब्द दरअसल 'सल्ली' से आया है जिसका मतलब होता है 'सिक्के' और कट्टू का अर्थ है 'बांधा हुआ.'
जल्लीकट्टू सांडों का खेल है जिसमें उसके सींग पर कपड़ा बांधा जाता है. जो खिलाड़ी सांड के सींग पर बांधे हुए इस कपड़े को निकाल लेता है उसे ईनाम के रूप में सिक्के या पैसे मिलते हैं. इसलिए इस खेल को जल्लीकट्टू के नाम से जाना जाता है.
इस बीच चेन्नई के मरीना बीच पर हज़ारों की संख्या में युवक जुट चुके है और मांग यहीं कि जल्लीकट्टू पर से प्रतिबन्ध हटाया जाया. युवा एक और जहां अपने कल्चर को बचाने के लिए सड़कों पर उत्तर आये है. ख़ास बात ये कि यहां केवल प्रदर्शन है कोई चेहरा नहीं. तो दूसरी और वोट के पीछे भागने वाले राजनेता अब बैलों के पीछे अपनी राजनितिक रोटी सेकने के लिए भागते नज़र आ रहे हैं. देखना होगा कि कब सरकार इस का कोई हल निकालती और कब इस मुद्दे पर ये प्रदर्शन ख़त्म होगा ?