FIR On Senthamizhan Seeman: तमिलनाडु में इन दिनों बिहारी मजदूरों की कथित तौर पर पिटाई का मुद्दा खूब छाया हुआ है. इस मुद्दे पर तमिलनाडु और बिहार दोनों राज्यों में राजनीति जारी है. इसी मुद्दे पर अब अभिनेता से राजनेता बने 'नाम तमिझर काची' (एनटीके) के नेता सेंथमीजान सीमन बड़ी मुश्किलों में फंस चुके हैं. तमिलनाडु पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. उन पर हिंदीभाषियों के खिलाफ अपमान जनक टिप्पणी करने का आरोप है. 


सीमन का एक वीडियो काफी वायरल हुआ, जिसमें वह हिंदीभाषियों को धमकी देते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसी वीडियो को ट्वीट करके चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने सेंथमीजान सीमन पर जमकर निशाना साधा था और तमिलनाडु की सरकार से पूछा था कि उनके जैसे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? जिसके बाद तमिलनाडु की ईरोड पुलिस ने सीमन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. 


 






हिंदीभाषियों को धमकी पर कार्रवाई


तमिलनाडु पुलिस के हवाले से न्यूज वेबसाइट इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि 22 फरवरी 2023 को इरोड (करुंगलपलायम) पुलिस की ओर से एनटीके नेता सीमन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. सीमन ने 13 फरवरी को पश्चिमी शहर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए हिंदी भाषी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. वायरल वीडियो में सीमन कह रहे हैं कि वह हिंदी बोलने वालों को पीटेंगे और वे (हिंदीभाषी) अपना बैग पैक करके एक सप्ताह के भीतर तमिलनाडु से भाग जाएंगे.


सीमन पर इस धाराओं में दर्ज हुआ केस


इरोड पुलिस ने कहा, "सीमन के केस में धारा 153 बी (अभियोग, राष्ट्रीय-एकीकरण के प्रतिकूल दावे), 505 (1) ( c) (किसी भी वर्ग या समुदाय के लोगों को किसी अन्य वर्ग या समुदाय के खिलाफ कोई अपराध करने के लिए उकसाने का इरादा, या जो उकसाने की संभावना है) और 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) की धाराएं भी जोड़ दी गई हैं. उनके खिलाफ 22 फरवरी को कथित आपत्तिजनक बयानों के संबंध में मामला दर्ज किया गया था. 


इस मामले पर राजनीतिक पारा गरम


पुलिस ने दोहराया कि वे तमिलनाडु को सभी के लिए सुरक्षित जगह बनाने के लिए ईमानदार और गंभीर प्रयास कर रहे हैं. तमिलनाडु पुलिस की कार्रवाई इसलिए मायने रखती है क्योंकि बिहारी मजदूरों की कथित पिटाई के मामले में बिहार और तमिलनाडु में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई थी. इसके कारण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को तमिलनाडु के अपने समकक्ष एमके स्टालिन के सामने इस मामले को उठाना पड़ा था. 


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