तमिलनाडु: बोरवेल में 24 घंटे से ज्यादा समय से फंसा है 2 साल का मासूम, बचाने की कोशिशें जारी, 100 फीट की गहराई पर अटका
शुक्रवार शाम को अपने घर के पास खेलते समय बोरवेल में गिर गया सुजीत विल्सन शुरू में 30 फीट की गहराई पर अटका हुआ था, लेकिन कल शाम शुरू हुए बचाव के प्रयासों के दौरान वह 70 फीट से अधिक नीचे चला गया.
नई दिल्ली: तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली जिले में स्थित नादुकट्टुपट्टी में 25 अक्तूबर को बोरवेल में गिरे दो साल का बच्चे को अभी तक निकाला नहीं जा सका है. राहत बचाव कार्य जारी है लेकिन पत्थरों की वजह से बचाव कार्य में दिक्कत आ रही है. दरअसल बच्चा शुक्रवार शाम लगभग 5:30 बजे बोरवेल में गिर गया था और 30 फुट की गहराई में जाकर अटक गया. इसके बाद रात में वह और नीचे सरकते हुए लगभग 70 फुट की गहराई में जाकर फंस गया. वर्तमान में बच्चा करीब 100 फीट की गहराई में फंसा हुआ है.
बच्चे के बचाव कार्य के लिए बोरिंग मशीन को बुलाया गया है. अधिकारियों के मुताबिक, बचाव अभियान में छह टीमें शामिल हैं.अधिकारियों ने कहा कि पहले हम बच्चे को रोते हुए सुन पा रहे थे लेकिन अब हम उसे सुन नहीं पा रहे हैं लेकिन हमें लगता है कि बच्चा सुरक्षित है और सांस ले रहा है.
तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री सी. विजया भास्कर ने शनिवार सुबह एक टीवी चैनल से कहा कि बोरवेल में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा कि बच्चे के 70 फट नीचे फिसल जाने के बाद अधिकारी उसके रोने की आवाज नहीं सुन पा रहे हैं. दमकल विभाग और अन्य लोगों द्वारा शुक्रवार शाम से ही बच्चे को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
Tamil Nadu: Operation to rescue 2 year-old Sujith Wilson delayed due to rocks at the drilling site near the borewell in Tiruchirappalli. https://t.co/2N89ahCEXq
— ANI (@ANI) October 27, 2019
शुरुआत में बच्चे तक पहुंचने के लिए बोरवेल के पास गड्ढा खोदने के लिए मशीनों को काम पर लगाया गया, लेकिन इलाका चट्टानी होने के कारण इसे बीच में ही रोक दिया गया. इसे तोड़ने के प्रयास से कंपन पैदा होती है, जो बोरवेल के अंदर मिट्टी को धकेल सकती है, जिससे बच्चा और अधिक गहराई में पहुंच सकता है,
बाद में बचाव दल ने एक विशेष उपकरण 'बोरवेल रोबोट' का इस्तेमाल किया, लेकिन वह भी सफल नहीं रहा. कई टीमों ने अपनी-अपनी तकनीकों के साथ बच्चे को बचाने की कोशिश की, लेकिन दुर्भाग्य से सभी असफल रहे.
स्वास्थ्य मंत्री भास्कर के अनुसार, बच्चे को बचाने के लिए विभिन्न प्रकार की तकनीकें अपनाई जा रही हैं. मंत्री ने कहा, "सुबह करीब 3:30 बजे रस्सी की गांठ, जो 30 फुट पर बच्चे को पकड़े हुए थी, वह निकल गई और बच्चा नीचे गिर गया. सुबह 5:30 बजे तक हम लड़के की सांस लेने की आवाज सुन पा रहे थे." उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के कुल 70 सदस्य बचाव कार्य में शामिल हैं.