O Panneerselvam and TTV Dhinakaran Meeting: तमिलनाडु की राजनीति में बदलाव देखने को मिला है. दिवंगत नेता जे जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके के निष्कासित नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम और एएमएमके के महासचिव टीटीवी दिनाकरण की सोमवार (08 मई) को मुलाकात हुई. दोनों नेता टीटीवी दिनाकरण के आवास पर मिले हैं. इस दौरान दोनों नेताओं ने साथ मिलकर काम करने का फैसला किया.


मामले पर ज्यादा जानकारी देते हुए ओपीएस समर्थक पनरुति रामचंद्रन ने कहा, “जिस तरह सीपीआई और सीपीएम काम करते हैं वैसे ही हमने एएमएमके (AMMK) के साथ मिलकर काम करने का फैसला किया है.” इसके साथ ही ओ पन्नीरसेल्वम एआईएडीएमके की महासचिव और दिवंगत जे. जयललिता की करीबी रहीं शशिकला से भी मुलाकात करेंगे .






शशिकला के भतीजे हैं टीटीवी दिनाकरण


शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरण की इस मीटिंग के बाद से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है. इसको लेकर पन्नीरसेल्वम में कहा, “हमने शशिकला से बात की है और जल्दी ही उनसे मुलाकात करेंगे. हमारा एकमात्र लक्ष्य पुराने एआईएडीएमके को वापस लाने का है, जो एमजीआर और जयललिता के समय हुआ करता था.”


पिछले महीने ही चुनाव आयोग से मिली थी राहत


तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके को चुनाव आयोग ने पिछले महीने ही राहत दी थी. एआईएडीएमके ने बताया था कि चुनाव आयोग ने एडप्पादी के पलानीस्वामी के पदोन्नति को स्वीकार कर लिया है. ईसी ने पलानीस्वामी को एआईएडीएमके के महासचिव के रूप में स्वीकार कर लिया है. पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद से ही पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के बीच विवाद सामने आते रहे हैं. पलानीस्वामी और पन्नीरसेल्वम के बीच पार्टी पर कब्जे को लेकर विवाद रहा है. कई बार दोनों गुटों के बीच विवाद की खबरें सामने आई हैं.


ओ पन्नीरसेल्वम तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री बन चुके हैं. वह पहली बार 2001 में छह महीने के लिए सीएम बने. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को कार्यालय संभालने से रोक दिया था. इसके बाद 2014-15 में पन्नीरसेल्वम दोबारा मुख्यमंत्री बने जब आय से अधिक संपत्ति के मामले में जयललिता को सीएम पद छोड़ना पड़ा था. 2016 में जयललिता के निधन के बाद पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री के रूप में पदोन्नत किया गया था.


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