चेन्नई समेत तमिलनाडु के उत्तरी जिलों में हो रही भारी बारिश के बीच अब राज्य पर चक्रवाती तूफ़ान का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में निम्न दबाव का क्षेत्र (लो प्रेशर) बना हुआ है जो कि अगले 24 घंटे तनावपूर्ण हो सकते हैं.
यह लो प्रेशर लगातार उत्तर दिशा में बढ़ रहा है. इसके उत्तर की ओर पहुंचते ही सेंट्रल तमिलनाडु समेत तटीय जिलों और दक्षिण आंध्र के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है. यहीं कारण है कि मछुआरों को पहले ही समंदर में ना जाने की हिदायत दी गई है. यहां तक कि कोस्ट गार्ड लगातार समंदर में मछुआरों को तटों पर लौटने को कह रहे हैं.
पानी शहर तक घुस आया है
पिछले दो दिनों में कुड्डालूर, विल्लुपुरम, चेन्नई, कांचीपुरम, चेंगलपेट्टू, तिरुवल्लूर, वेलूर, रानीपेट, तिरुपत्तूर, नागपट्टीनम, मयिलाडथुरै, कारईकुरीची, थिरुवन्नामलई और सलेम में भारी बारिश हुई है. पुडुचेरी और कारैकल में भी भारी बारिश हुई. इसके कारण कई रिजर्वायर अपनी कैपेसिटी तक भर गए और शटर खोलने पड़े. यह पानी अब शहर तक घुस आया है और कई इलाकों में लोगों के घरों तक पहुंच गया है.
तूफान का खतरा मंडरा रहा
बाढ़ के इन हालात ने लोगों के 2015 के उन जख्मों को फिर हरा कर दिया है जिसने कईयों के आशियाने अस्त व्यस्त कर दिए थे. कईयों की जिंदगी तबाह हो गई थी. फिर एक बार उसी तरह भारी बारिश से जूझ रहे चेन्नई समेत उत्तरी तमिलनाडु के जिलों पर अब तूफान का खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है. लोगों को रिलीफ कैंप भेजा जा रहा है. रिलीफ मैटेरियल बांटा जा रहा है. लेकिन शहर अब भी पानी में डूबा है.
अलर्ट अगले दो तीन दिनों तक है. लो प्रेशर तूफान में तब्दील होने के साथ ही उत्तरी तमिलनाडु और दक्षिणी आंध्र में विनाशकारी साबित हो सकता है.
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