चेन्नई: तमिलनाडु के कांचीपुरम जिले में शुक्रवार की सुबह तर्कवादी नेता ई वी रामास्वामी 'पेरियार' की प्रतिमा टूटी-फूटी हालत में मिली. राज्य के कई नेताओं ने इसकी निंदा की और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. पुलिस ने बताया कि जिले के सलावाक्कम में शुक्रवार सुबह प्रतिमा क्षतिग्रस्त हालत में मिली जिससे इलाके में खलबली मच गई. पुलिस ने पेरियार की प्रतिमा की तोड़फोड़ में संलिप्त असामाजिक तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पिछले सप्ताह सुपरस्टार रजनीकांत की द्रविड़ नेता के बारे में एक कार्यक्रम में की गई टिप्पणी के बाद तमिलनाडु में पेरियार पर फिर से बहस छिड़ गई है. तमिल पत्रिका 'तुगलक' द्वारा 14 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के दौरान रजनीकांत ने आरोप लगाया था, ''1971 में सेलम में पेरियार ने रैली निकाली थी जिसमें चप्पल की माला पहनाए भगवान श्रीरामचंद्रमूर्ती और सीता की नग्न तस्वीरें दिखाई गई थीं.'' रजनीकांत की इस टिप्पणी पर पेरियार समर्थक संगठनों और राजनीतिक दलों ने नाराजगी जताई थी.
डीएमके अध्यक्ष एम के स्टालिन और पीएमके संस्थापक एस रामदास ने प्रतिमा से तोड़फोड़ की घटना पर नाराजगी जतायी और तर्कवादी नेता की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. इस घटना की निंदा करते हुए स्टालिन ने शुक्रवार को कहा कि यह शर्मनाक और खेदजनक है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए.
एक पुलिस सूत्र ने बताया, ''पुलिस महानिदेशक एल के त्रिपाठी ने चेतावनी दी है कि पुलिस पेरियार की प्रतिमा या राज्य में अन्य नेताओं की प्रतिमाओं के साथ तोड़फोड़ करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. एस रामदास ने इस घटना पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग की.
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