NEET Bill Controversy: तमिलनाडु में ‘नीट बिल’ (NEET Exemption Bill) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) ने शनिवार को राज्यपाल आरएन रवि (RN Ravi) पर आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य के नीट विरोधी विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए केंद्र को भेजने का अपना संवैधानिक कर्तव्य नहीं निभाया. राजनीतिक दलों की बैठक में सर्वसम्मति से राज्य को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) के दायरे से छूट देने के लिए एक विधेयक फिर से राज्यपाल को भेजने का संकल्प लिया गया. 


सचिवालय में मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में विधानसभा की विशेष बैठक बुलाने और विधेयक को फिर से स्वीकार किए जाने तथा राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने के लिए इसे राज्यपाल को भेजने के लिए संकल्प पारित किया गया. मुख्य विपक्षी दल अन्नाद्रमुक ने हालांकि बैठक में हिस्सा नहीं लिया और तमिलनाडु में परीक्षा को रद्द करने के उद्देश्य से सभी कानूनी पहलों को अपना समर्थन देने की घोषणा की. भारतीय जनता पार्टी भी बैठक में शामिल नहीं हुई.


स्टालिन ने अपने संबोधन में कहा कि राज्यपाल को विधेयक को सहमति के लिए तत्काल राष्ट्रपति के पास भेजना चाहिए था, हालांकि उन्होंने अपना संवैधानिक कर्तव्य नहीं निभाया. उन्होंने कहा कि इसलिए वह 27 नवंबर 2021 को रवि से मिलने गए थे और उनसे केंद्र को विधेयक भेजने का आग्रह किया था. राज्यपाल ने एक फरवरी को सदन के पुनर्विचार के लिए विधेयक को विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु को वापस भेज दिया था. इसके बाद स्टालिन ने भविष्य की कार्रवाई के बारे में चर्चा करने के लिए विधानसभा में सभी दलों की बैठक की घोषणा की थी. यह बिल 13 सितंबर 2021 को विधानसभा में पारित किया गया था.


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