'सेंथिल बालाजी कैबिनेट में नहीं बने रह सकते', सीएम एमके स्टालिन से बोले राज्यपाल, DMK ने कहा- आपके पास नहीं है अधिकार
Tamil Nadu: ईडी ने वी. सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर कोर्ट में दावा किया था कि उन्होंने कथित नौकरी घोटाले और रिश्वत के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया.
V Senthil Balaji Custody: चेन्नई की एक कोर्ट ने शुक्रवार (15 जून) को तमिलनाडु के गिरफ्तार मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की आठ दिन की हिरासत में भेज दिया. ईडी ने बालाजी के भाई आरवी अशोक कुमार और अन्य को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अगले हफ्ते पूछताछ के लिए बुलाया है.
इसी बीच तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि और राज्य की स्टालिन सरकरा में तकरार बढ़ गया है. मुख्यमंत्री एम के स्टालिन की सिफारिश पर शुक्रवार (16 जून) को वी सेंथिल बालाजी के संभाले जा रहे विभागों को राज्य सरकार के दूसरे मंत्रियों को गर्वनर आर एन रवि ने आवंटित कर दिया, लेकिन बालाजी के मंत्रिमंडल में बने रहने पर सहमति नहीं जताई. इस पर स्टालिन की पार्टी डीएमके ने कहा कि ये उनके अधिकार में नहीं है.
डीएमके ने क्या कहा?
डीएमके के नेता टीकेएस एलनगोवन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, '' संविधान ने क्या राज्यपाल को अधिकार दिया कि वो तय करें कि कौन मंत्री बने रहेंगे कि नहीं? संविधान गर्वनर को ऐसा अधिकार नहीं देता है. वी सेंथिल बालाजी सिर्फ आरोपी है. ऐसे में आरोप गलत भी तो हो सकते हैं.''
वी सेंथिल के मंत्रालय किसे दिए गए?
राज भवन की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि बालाजी अब बिना मंत्रालय के मंत्री हैं, वहीं गर्वनर रवि ने स्टालिन के मंत्रिमंडल में उनके बने रहने का विरोध किया है क्योंकि वह आपराधिक कार्यवाही का सामना कर रहे हैं. इसमें कहा गया कि रवि ने टी वी सेंथिल बालाजी के मंत्रिपरिषद के सदस्य रहने पर सहमति नहीं जताई है क्योंकि वह इस समय न्यायिक हिरासत में हैं.
विज्ञप्ति के अनुसार स्टालिन की सिफारिश पर बालाजी के अब तक संभाले जा रहे बिजली, गैर-परंपरागत ऊर्जा विभाग वित्त मंत्री थंगम थेनारसु को आवंटित किये गये हैं.
बालाजी के अधीन संचालित मद्य निषेध और आबकारी विभाग अब आवास और शहरी विकास मंत्री एस मुथुस्वामी संभालेंगे. थेनारसु और मुथुस्वामी अपने मौजूदा विभागों के साथ नए विभागों की जिम्मेदारी संभालेंगे.
मामला क्या है?
ईडी ने सेंथिल बालाजी को बुधवार धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत गिरफ्तार किया था. इसके बाद ईडी ने कोर्ट में दावा किया था कि उन्होंने 2014-15 में राज्य के परिवहन उपक्रमों में कथित नौकरी घोटाले और रिश्वत के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया.
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