NEET Exam 2021: तमिलनाडु में वेल्लूर जिले में राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) का एग्जाम दे चुकी एक छात्रा ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. चार दिनों के भीतर राज्य में इस तरह का ये तीसरा केस है. जानकारी के मुताबिक, 17 साल की छात्रा ने मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए नीट 2021 की परीक्षा दी थी, लेकिन वह इस बात को लेकर चिंतित थी कि उसका सलेक्शन होगा या नहीं. छात्रा के पिता मजदूरी करते हैं. अब तक ऐसे 17 आत्महत्या के मामले सामने आ चुके हैं.
इससे पहले, मंलगवार को नीट में शामिल होने वाली एक लड़की ने तमिलनाडु में अरियालुर जिले के एक गांव में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. वहीं 19 साल के लड़के धनुष ने परीक्षा देने से कुछ घंटे पहले 12 सितंबर को आत्महत्या कर ली थी. अरियालुर जिले में कथित आत्महत्या का मामला सामने आने के बाद मुख्य विपक्षी दल अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) ने राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार पर निशाना साधा जबकि मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने परीक्षा नहीं कराने के लिए कानूनी लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया. लड़की की मौत के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री ने छात्रों और अभिभावकों को भरोसा दिलाया कि नीट को पूरी तरह से हटाने के कानूनी संघर्ष में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी.
13 सितंबर को विधानसभा में एक विधेयक के पारित होने का जिक्र करते हुए स्टालिन ने कहा, ‘‘शुरू से ही, हम नीट का विरोध कर रहे हैं, जो तमिलनाडु के छात्रों के चिकित्सा शिक्षा हासिल करने के सपने को चकनाचूर कर रहा है. हमने विधेयक के पारित होने के साथ पूरी तरह से कानूनी संघर्ष शुरू कर दिया है.’’
विधेयक को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को छोड़कर सभी दलों की तरफ से समर्थन दिया गया है. उन्होंने कहा कि जब तक विधेयक को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी नहीं मिल जाती, तब तक नीट को हटाने के मामले में कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार नीट को हटाने के लिए हर संभव कदम उठा रही है, जो शिक्षा में समानता को खत्म कर रही है.’’ बिल में बारहवीं कक्षा के अंकों के आधार पर चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश का प्रावधान किया गया है.
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