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जानें- जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की राजनीति में क्या है शशिकला की अहमियत

चेन्नई: शशिकला के हाथों जयललिता का अंतिम संस्कार हुआ था. इससे साबित होता है कि शशिकला और जयललिता के बीच का रिश्ता कितना गहरा था. 80 के दशक में शशिकला जयललिता के संपर्क में आईं थी. उस वक्त शशिकला वीडियो कंपनी चलाती थीं. शशिकला ने जयललिता की सभाओं के भी वीडियो बनाए और धीरे-धीरे वो जयललिता की बेहद करीबी दोस्त बन गईं. एक वक्त ऐसा भी था कि जयललिता के हर फैसले के पीछे शशिकला का भी हाथ होता था.

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शशिकला ने कभी चुनाव नहीं लड़ा

जयललिता से नजदीकी की वजह से तमिलनाडु में शशिकला की तूती बोलती थी. राजनीति के मंच पर शशिकला कभी सामने नहीं आईं, कभी चुनाव नहीं लड़ा लेकिन पर्दे के पीछे से वो पार्टी का काम देखती थीं. कहा जाता था कि जयललिता तक पहुंचने के लिए पहले शशिकला तक पहुंचना जरूरी है.

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शशिकला के भतीजे सुधाकरन की शादी में खर्चे की चर्चा

इस दोस्ती की गहराई तब भी दिखी थी जब शशिकला के भतीजे सुधाकरन की शादी में जयललिता ने पानी के तरह पैसे बहाए थे. 1995 में इस शादी पर करीब सौ करोड़ रुपये खर्च हुए थे. जिसको लेकर हंगामा भी हुआ था.

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जयललिता और शशिकला की दोस्ती में दरार भी पड़ी

आय से अधिक संपत्ति के केस में भी जयललिता के साथ शशिकला और उनके भतीजे सुधाकरन का भी नाम है. जिस पर जल्द फैसला आने वाला है. हालांकि जयललिता और शशिकला की दोस्ती में दरार भी पड़ी. तब जयललिता ने शशिकला को घर से बाहर भी निकाल दिया था. बाद में माफी मांगने पर शशिकला की घर वापसी हुई. जयललिता जब बीमार पड़ीं तो उनके आखिरी समय तक शशिकला ही साथ रहीं और अंतिम संस्कार भी शशिकला ने ही किया.

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