नई दिल्लीः तमिलनाडु सरकार की कैबिनेट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के सातों आरोपियों को बरी करने की सिफारिश की है. ये सिफारिशें तमिलनाडु के राज्यपाल को तुरंत भेजी जाएंगी. राजधानी चेन्नई में हुई तमिलनाडु सरकार की कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्री डी जयकुमार ने ये जानकारी दी है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने राजीव गांधी के हत्यारों को छोड़ने का विरोध जताया था.


हाल ही में तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्या मामले के सातों आरोपियों को बरी करने के मामले में पॉजिटिव रुख दिखाया था. इसके बाद संभावना जताई जा रही थी कि पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के अभियुक्तों को बरी करने की दिशा में बात आगे बढ़ सकती है. हालांकि 10 अगस्त को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि राजीव गांधी हत्याकांड मामले के दोषियों को रिहा नहीं किया जा सकता और उन्हें रिहा करने से एक 'खतरनाक उदाहरण' पेश होने की बात कही थी.

कुछ समय पहले राजीव गांधी के बेटे और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि यदि उनके पिता के हत्यारों को माफ किया जाता है तो इसमें उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. इसके अलावा डीएमके चीफ एम के स्टालिन ने भी कुछ समय पहले यही कहा था कि राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे सभी दोषियों को रिहा करने के लिए तमिलनाडु सरकार को राज्यपाल से सिफारिश करनी चाहिए. राजीव गांधी हत्याकांड के सातों अभियुक्तों को रिहा करने की इच्छा पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता ने भी जताई थी.

एक तमिल निर्देशक ने राहुल गांधी से मुलाकात कर जब ये पूछा था कि उनके पिता राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी ए जी पेरारीवलन को रिहा किए जाने पर उन्हें कोई आपत्ति तो नहीं है? इसके जवाब में राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है और अगर जरूरत हो तो वह उसकी रिहाई में मदद करने के लिए तैयार हैं.’

राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को हुई थी
तमिलनाडु के श्रीपेरंबदुर में एक महिला ने 21 मई 1991 की रात चुनावी रैली में आत्मघाती बम बन कर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. महिला की पहचान बाद में धनु के तौर पर हुई थी.

राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा नहीं किया जा सकता: केंद्र

राजीव गांधी की हत्या के दोषी को रिहा किए जाने पर राहुल को नहीं है कोई आपत्ति: निर्देशक रंजीत