चेन्नई: पलानीसामी तमिलनाडु के नए मुख्यमंत्री होंगे. राज्यपाल सी विद्यासागर ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दे दिया है. राज्यापाल आज ही शाम 4 बजे राजभवन में पलानीसामी को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे. पलानीसामी को 15 दिनों के अंदर बहुमत साबित करना होगा. आज सुबह साढ़े 11 बजे पलानीसामी राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मिलने पहुंचे थे. जिसके बाद राज्यपाल ने पलानीसामी को 15 दिनों के अंदर सरकार बनाने का न्योता दिया है. पलानीस्वामी के साथ अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे.
राजभवन से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘राज्यपाल ने आज अन्नाद्रमुक के पार्टी मुख्यालय सचिव इदापड्डी के पलानीसामी को तमिलनाडु का मुख्यमंत्री नियुक्त किया है और उन्हें जल्द से जल्द मंत्रालय का गठन करने के लिए आमंत्रित किया है.’’ राज्यपाल का यह निमंत्रण पलानीसामी की तरफ से 14 फरवरी को जमा कराए गए पत्र की ‘स्वीकृति’ के रूप में आया है. उस पत्र में पलानीसामी ने कहा था कि उन्हें उस दिन विधायकों की एक बैठक में अन्नाद्रमुक के विधायी दल का नेता चुना गया है.
जैसे ही पलानीसामी के नए मुख्यमंत्री बनने की खबर आई, शशिकला के समर्थकों ने उसका स्वागत किया और राज्यपाल के फैसले की सराहना की. पिछले एक सप्ताह से चेन्नई से 80 किमी दूर स्थित कूवाथुर रिजॉर्ट में रह रहे विधायकों ने मुस्कुराते हुए ‘चिन्नम्मा’ :शशिकला: के नाम के नारे लगाए. ये वहीं विधायक हैं, जिनके कुशलक्षेम के बारे में पुलिस पूछ रही थी.
बीते 14 फरवरी को उच्चतम न्यायालय द्वारा अन्नाद्रमुक की महासचिव वी के शशिकला को दोषी करार दिए जाने के बाद से पलानीसामी और राज्यपाल के बीच की यह तीसरी मुलाकात थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण मुख्यमंत्री बनने की शशिकला की उम्मीदें धाराशाई हो गई थीं. शशिकला को पांच फरवरी को पार्टी के विधायी दल की नेता चुना गया था, लेकिन ओ पनीरसेल्वम की बगावत उनकी राह का रोड़ा बन गई.
यह है सीटों का आकंड़ा
शशिकला गुट के पलानीसामी के समर्थन में 134 में से 120 विधायक है. वहीं, पन्नीरसेल्वम के समर्थन में करीब 14 विधायक और दस सांसद हैं. पन्नीरसेल्वम को ज्यादा विधायकों का समर्थन नहीं मिला है, लेकिन वो इस बात पर लगातार जोर दे रहे हैं कि अगर उनसे कहा जाएगा तो विधानसभा में बहुमत साबित करेंगे.
वहीं, कल भी शशिकला के करीबी पलानीसामी ने राज्यपाल से मुलाकात की थी और सरकार बनाने का दावा पेश किया, इसके बाद शशिकला के खिलाफ बगावत करने वाले पन्नीरसेल्वम भी राजभवन पहुंचे और मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की. दावा तो दोनों गुट कर रहे हैं, लेकिन आंकड़ों के हिसाब से फिलहाल शशिकला गुट का पलड़ा भारी दिख रहा है.