चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने सोशल मीडिया के जरिए अफवाह फैलने से रोकने और शांति बहाली के लिए आज तूतीकोरिन और उसके आसपास के जिलों में इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी. तिरूनेलवेली और कन्याकुमारी में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है. तुतीकोरिन हिंसा: तस्वीरों के जरिए समझें क्या है पूरा मामला
सरकार ने सोशल मीडिया पर भड़काऊ संदेश फैलने का आरोप लगाते हुए एक आदेश में कहा कि ऐसे संदेशों से कल तूतीकोरिन में स्टरलाइट कॉपर संयंत्र के खिलाफ करीब 20 हजार लोगों की बड़ी भीड़ एकत्रित हो गई. इसका नतीजा बाद में हिंसा और पुलिस कार्रवाई के तौर पर सामने आया.
सरकार ने कहा कि असामाजिक तत्व स्थिति का लाभ उठाने का प्रयास कर रहे हैं. सरकार ने इन तीन जिलों में इंटरनेट सेवा प्रदाताओं के नोडल अधिकारियों को आज से 27 मई तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाने का निर्देश दिया.
तूतीकोरीन में कोहराम क्यों मचा है?
तूतीकोरीन में स्टरलाइट कॉपर यूनिट का विरोध हो रहा है. तूतीकोरीन में स्टरलाइट कॉपर यूनिट वेदांता ग्रुप की है. स्टरलाइट कॉपर यूनिट से हवा और पानी का प्रदूषण फैल रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, तूतीकोरीन के हर घर में दो लोग बीमार हो रहे हैं. लोगों को सांस, त्वचा, दिल की बीमारी और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो रही हैं. जनवरी में प्लांट के विस्तार की खबर के बाद विरोध तेज हो गया है.
हिंसा के बाद धारा 144 लागू
दरअसल कल लोगों का प्रदर्शन अचानक हिंसक हो गया और गाड़ियों में तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई. पुलिस ने जवाबी कार्रवाई में आंसू गैस के गोले छोड़े जिसके बाद स्थिति और बिगड़ गई. हिंसा में ग्यारह लोगों की जान चली गई और कई घायल हैं. वेदांता ग्रुप के स्टरलाइट कॉपर फैक्ट्री से होने वाले खतरनाक प्रदूषण से तूतीकोरीन के लोग बीमार हो रहे हैं. मद्रास हाईकोर्ट ने सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. वहीं पुलिस ने कल की हिंसा के बाद धारा 144 लगा दी है.
मारे गए लोगों के परिवार को 10-10 लाख रुपये
तमिलनाडु की पलानीस्वामी सरकार ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं और कल हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार को 10-10 लाख रुपये और घायलों को 3-3 लाख रुपये के मुआवजे का एलान किया गया है. साथ ही सरकार ने एलान किया है कि प्लांट से निकले जहर से पीड़ित लोगों के परिवार में एक सदस्य को उचित नौकरी दी जा सकती है.