नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार के बर्खास्त मंत्री कपिल मिश्रा ने अपनी ही पार्टी पर आरोपों के तीर बरसा दिए हैं. शाम होते होते कपिल मिश्रा ने एक बयान पढ़ा और केजरीवाल पर 2 करोड़ रुपए लेने और पंजाब चुनाव में धांधली के आरोप के अलावा टैंकर घोटाले को लेकर भी कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आज इसे लेकर वो एसीबी यानी एंटी करप्शन ब्यूरो से भी मिले.


केजरीवाल का पूरा कच्चा चिट्ठा खोलने की तैयारी कर चुके हैं कपिल


दो दिन पहले तक केजरीवाल सरकार में मंत्री रहे कपिल मिश्रा अब केजरीवाल का ही पूरा कच्चा चिट्ठा खोलने की तैयारी कर चुके हैं. आज दोपहर वो पीले रंग के इस लिफाफे के साथ दिल्ली एसीबी के दफ्तर पहुंचे और टैंकर घोटाले से जुड़ी बड़ी जानकारियां देने का दावा किया. कपिल मिश्रा ने केजरीवाल के जिन दो नजदीकीं लोगों पर आरोप लगाया है उनमें आशीष तलवार केजरीवाल के राजनीतिक सलाहकार हैं जबकि वैभव केजरीवाल के निजी सचिव हैं.


कपिल मिश्रा ने डिटेल में स्टेटमेंट देने के लिए मांगा समय


एसीबी सूत्रों के मुताबिक टैंकर घोटाले से जुड़ी 800 पेज की जो रिपोर्ट एसीबी के पास मौजूद है उसमें इन दोनो के नाम नहीं हैं लेकिन एसीबी का कहना है कि कपिल मिश्रा इस विभाग के मंत्री रह चुके हैं लिहाजा उनके बयानों को नकारा नहीं जा सकता. दिल्ली एसीबी के चीफ मुकेश कुमार मीणा के मुताबिक कपिल मिश्रा ने डिटेल में स्टेटमेंट देने के लिए टाइम मांगा है, जल्द ही उनको टाइम दिया जाएगा और जैसे ही स्टेटमेंट होंगे. जो डॉक्यूमेंट्स होंगे या कोई भी एविडेंस होगा उसके हिसाब से आगे कार्रवाई होगी.


180 करोड़ रुपए के बजाय 600 करोड़ रुपए का भुगतान

टैंकर घोटाला उस वक्त का है जब शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री हुआ करती थीं. आपको बता दें कि साल 2012 में दिल्ली की कॉलोनियों में पानी पहुंचाने के लिए शीला सरकार ने 385 पानी के टैंकर किराए पर लेने फैसला किया था. आरोप है कि 385 टैंकर के लिए तय 180 करोड़ रुपए के बजाय शीला सरकार ने 600 करोड़ रुपए का भुगतान किया. यही नहीं टैंकर में जीपीएस लगाने के लिए भी 15 करोड़ की जगह 60 करोड़ खर्च हुए. यानी दिल्ली जल बोर्ड को करीब 400 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.


केजरीवाल ने टैंकर घोटाले को शीला दीक्षित के खिलाफ बनाया बड़ा हथियार


केजरीवाल ने टैंकर घोटाले को शीला दीक्षित के खिलाफ बड़ा हथियार बनाया. कपिल मिश्रा जब उनकी सरकार में जल मंत्री बने तो उन्होंने शीला दीक्षित समेत कई लोगों के खिलाफ एफआईआर की सिराफिश करते हुए केजरीवाल को चिट्ठी लिखी. बीजेपी पहले से ये आरोप लगाती रही है केजरीवाल ने जानबूझ कर इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. अब कपिल मिश्रा के सामने आने के बाद बीजेपी एक बार फिर इस आरोप को दोहरा रही है.


इतने समय से चुप क्यों थे कपिल मिश्रा ?


वहीं आम आदमी पार्टी केजरीवाल को क्लीन चिट देने वाली कपिल मिश्रा की एक पुरानी चिट्ठी का हवाला दे रही है. आम आदमी पार्टी की तरफ से ये सफाई भी पेश की जा रही है कि अगर कपिल मिश्रा को ये शिकायत थी तो वो इतने वक्त से चुप क्यों थे औऱ क्या वजह है कि मंत्री पद से हटाए जाने के बाद ही वो इस तरह के आरोप लगा रहे हैं.