TMC MLA Tapas Roy Resignation: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. तृणमूल कांग्रेस के तीन बार के विधायक तपस रॉय ने सोमवार (4 फरवरी) अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. रॉय ने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष बिमान बंदोपाध्याय को सौंप दिया है.
तपस रॉय पश्चिम बंगाल विधानसभा में सत्तारूढ़ दल के डिप्टी चीफ व्हिप भी थे. उन्होंने पार्टी के पदों से भी इस्तीफा दे दिया है. वह टीएमसी के दमदम-बैरकपुर जिला अध्यक्ष भी हैं. वह बारानगर विधानसभा सीट से विधायक हैं. इसके बाद यह चर्चा जोरों पर है कि वो भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर सकते हैं. उनके साथ पार्टी के कई नेताओं के भी बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं.
तपस रॉय के आवास पर जनवरी में ईडी ने की थी छापेमारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम बंगाल विधानसभा में टीएमसी के उप मुख्य सचेतक तपस रॉय के आवास पर जनवरी माह में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की थी. इस छापेमारी के दौरान कथित तौर पर उनके साथ पार्टी नेतृत्व खड़ा नहीं रहा था. इसको लेकर वो नाराज थे और उन्होंने इसको लेकर नेतृत्व की आलोचना भी की थी.
'पार्टी के कामकाज के तौर तरीक से नाखुश'
तपस रॉय ने पत्रकारों से कहा कि वो पार्टी के कामकाज के तौर तरीक से नाखुश हैं और वास्तव में निराश भी हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वो पार्टी और सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के इतने सारे आरोपों से तंग आ चुके हैं. वहीं, पश्चिम बंगाल के संदेशखाली मामले को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि संदेशखाली का मामला जिस तरह से संभाला गया, उसको वह समर्थन नहीं करते हैं.
कई नेताओं ने किया मनाने का प्रयास
इस बीच देखा जाए तो विधायक को मनाने के लिए टीएमसी के राज्य सचिव कुणाल घोष और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने भी प्रयास किए थे. इस्तीफा देने से रोकने और नाराजगी दूर कराने के लिए सोमवार सुबह पार्टी के इन सीनियर लीडर्स ने उनके आवास पर मुलाकात भी की थी. करीब एक घंटे तक लंबी बातचीत भी चली थी.
तपस रॉय 25 सालों से टीएमसी से जुड़े रहे
तपस रॉय का कहना है कि वो पिछले 25 सालों से तृणमूल कांग्रेस के वफादार सिपाही रहे हैं, लेकिन उनको उनका हक नहीं मिला. दरअसल, तपस रॉय का नॉर्थ कोलकाता से टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय के साथ भी राजनीतिक विवाद चल रहा है.