Target Killing In Kashmir: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में सुरक्षा बलों के भारी दबाव के चलते कुछ महीनों की खामोशी के बाद आतंकवादियों ने एक बार फिर अल्पसंख्यक समुदाय के निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है. इस बार आतंकियों ने एक निजी सर्कस के कार्यकर्ता दीपक कुमार (Deepak Kumar) की गोली मारकर हत्या कर दी है.


जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक, दीपक कुमार उर्फ दीपू की सोमवार देर शाम अनंतनाग जिले में उस वक्त हत्या कर दी गई जब वो रात करीब सवा आठ बजे सर्कस के पास अपने कैंप से लौट रहा था. इस दौरान अज्ञात बंदूकधारियों ने उसे गोलियों से भून दिया. 


कर्मचारियों में डर का माहौल- दीपक का साथी


उधमपुर निवासी दीपक कुमार की हत्या के बाद सर्कस में काम करने वाले बाकी मजदूर और कर्मचारी सहम गए हैं और उन्हें भी जान का खतरा सता रहा है. दीपक के साथ काम करने वाले नज़ीर अहमद ने कहा, 'दीपू पिछले आठ साल से मेरे साथ काम कर रहा था और उसकी मौत से सभी बहुत दुखी हैं. हमारे सर्कस के बाकी कर्मचारी अब बाहर निकलने से भी डर रहे हैं.'


दीपू का परिवार जम्मू के उधमपुर जिले के दूर-दराज के गांव थियाल में रहता है. परिवार में दीपू के पिता माशू राम जो बहरे हैं, उसका बड़ा भाई राजू जो अंधा है और उसकी भाभी हैं. मूल रूप से जम्मू के बसोली इलाके का रहने वाला दीपू का परिवार पिछले करीब 15 साल से उधमपुर में रह रहा है और दीपू पिछले 9 साल से एक सर्कस में फोरमैन के तौर पर काम कर रहा है. दीपू परिवार का इकलौता कमाने वाला व्यक्ति था और परिवार वाले उससे रोज बात करते थे. सोमवार की शाम जब परिजनों ने दीपू से बात की तो पिता ने उसे कुछ पैसे भिजवाने को कहा जिससे वह अपना इलाज करा सकें.


पूरा देश मृतक के परिवार के साथ खड़ा है- उपराज्यपाल


जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आतंकवादी हमले की निंदा की है और मृतक के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त कीं. उन्होंने कहा, सरकार और पूरा देश परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. हमारे सुरक्षा बल आतंकवादियों के मंसूबों को विफल करने के अपने संकल्प में प्रतिबद्ध हैं और अपराधियों को न्याय दिलाने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे. वहीं, घटना के बाद से पैतृक क्षेत्र दीपू के लोगों में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है और वे सरकार से मांग कर रहे हैं कि इस तरह की लक्षित हत्याओं को जल्द से जल्द रोका जाए.


दरअसल, तीन महीने से अधिक समय के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों पर यह पहला हमला है. आखिरी हमला 26 फरवरी 2023 को हुआ था जब संजय कुमार पुलवामा जिले के अचन गांव में मारे गए थे. इस ताजा हमले ने दक्षिण कश्मीर में एक बार फिर तनाव का माहौल पैदा कर दिया है. 1 जुलाई से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा का दक्षिण कश्मीर प्रमुख मार्ग है जिसके चलते सुरक्षा बलों ने सुरक्षा बढ़ा दी है. 


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