शेख हसीना से कहां हुई सबसे बड़ी गलती? तसलीमा नसरीन ने ताजा इंटरव्यू में कर दिया बड़ा दावा
Taslima Nasreen: इस इंटरव्यू में तसलीमा नसरीन ने अपने रेसिडेंट परमिट पर भी बात की. उन्होंने कहा कि उनका रेसिडेंट परमिट 27 जुलाई को खत्म हो गया है और भारत सरकार की ओर से अभी तक रिन्यू नहीं हुआ है.
इस्लाम की आलोचना करने वाली बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान कई बड़े खुलासे किए. तसलीमा नसरीन ने इस इंटरव्यू में बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना से लेकर अपने निर्वासन तक पर खुल कर अपनी राय रखी.
एक न्यूज चैनल को दिए इस इंटरव्यू में तसलीमा नसरीन ने बताया कि पूर्व पीएम शेख हसीना से कहां गलती हुई, जो उन्हें बांग्लादेश छोड़ भागकर भारत आना पड़ा. उन्होंने कहा कि शेख हसीना ने अपने कार्यकाल में कट्टरपंथियों को बढ़ावा दिया. उन्होंने शेख हसीना की ऐसी ही कई गलतियों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने वहां 500 से ज्यादा मस्जिदें बनवाईं.
धर्म और कट्टरपंथियों को बढ़ावा देना पड़ा भारी
तसलीमा नसरीन ने कहा कि शेख हसीना ने मदरसे की डिग्री को कॉलेज की डिग्री के बराबर कर दिया था. उन्होंने कहा कि हसीना सरकार के दौरान धर्म को काफी बढ़ावा दिया गया. उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम की ओर से लिए गए ऐसे फैसलों के चलते ही मदरसों के छात्र उनके खिलाफ हो गए.
लेखिका ने कहा कि उन्होंने कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए तमाम फैसले लिए. पूर्व पीएम को लगता था कि ये कट्टरपंथी उन्हें बचाएंगे, लेकिन इन्होंने ही हसीना के खिलाफ मदरसों के छात्रों का ब्रेन वॉश किया. उन्होंने दावा किया, ''कट्टरपंथियों के ग्रुप इस्लामी तकरीरें करते थे. मदरसों में पढ़ाई जाने वाली चीजों पर शेख हसीना का कोई कंट्रोल नहीं था.''
रेसिडेंट परमिट खत्म होने से परेशान हैं तसलीमा नसरीन
उन्होंने कहा कि कट्टरपंथियों ने युवा समाज को इस्लामी जिहादी बनाया और यही शेख हसीना के पतन का कारण बने. उनके साथ जो हुआ, उसके पीछे उनका ही हाथ था.''
इस इंटरव्यू में तसलीमा नसरीन ने अपने रेसिडेंट परमिट पर भी बात की. उन्होंने कहा कि वो अपने रेसिडेंट परमिट को लेकर परेशान हैं. उन्होंने बताया कि उनका रेसिडेंट परमिट बीती 27 जुलाई को खत्म हो गया है और भारत सरकार की ओर से ये अभी तक रिन्यू नहीं हुआ है.
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