C-295 Aircraft: ‘नागपुर में सेटअप करना था, वडोदरा में उद्घाटन कर दिया’, टाटा एयरबस सी-295 निर्माण यूनिट पर कांग्रेस ने जताई आपत्ति
Congress Reaction: कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ठीक यही परियोजना नागपुर में स्थापित की जानी थी, लेकिन 2022 में इसे गुजरात में ट्रांसफर कर दिया गया.
Congress On Tata Airbus C 295 Unit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (28 अक्टूबर) को सी-295 विमान निर्माण सुविधा का उद्घाटन किया, जिससे वैश्विक एयरोस्पेस निर्माण में एक भरोसेमंद साझेदार के रूप में भारत का स्थान और भी मजबूत हो गया है. इसको लेकर कांग्रेस ने आपत्ति दर्ज की. कांग्रेस ने कहा कि इसका वडोदरा में उद्घाटन करके महाराष्ट्र के हितों को नजरंदाज किया गया है.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस ने दावा किया है कि सी-295 विमान यूनिट मूल रूप से नागपुर में स्थापित की जानी थी, लेकिन अब इसका उद्घाटन वडोदरा में किया गया है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों को राज्य के साथ विश्वासघात के लिए कड़ा जवाब देगी.
जयराम रमेश ने क्या कहा?
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में आरोप लगाया, "आज, गैर-जैविक पीएम टाटा-एयरबस सी-295 विमान सुविधा का शुभारंभ करने के लिए वडोदरा में हैं. ठीक यही परियोजना नागपुर में स्थापित की जानी थी, लेकिन 2022 में विधानसभा चुनावों की पूर्व संध्या पर इसे गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया."
‘पर्दे के पीछे चली गई चाल’
उन्होंने कहा कि "कोई केवल पर्दे के पीछे की चालों की कल्पना ही कर सकता है" जिसके कारण महाराष्ट्र इस महत्वपूर्ण निवेश से चूक गया. जयराम रमेश ने कहा, "यह कोई अपवाद नहीं है. गैर-जैविक प्रधानमंत्री के नेतृत्व और निर्देश के तहत, केंद्र सरकार और महायुति सरकार ने नई परियोजनाओं को जमीन पर उतारने या केंद्रीय सहायता प्राप्त करने में महाराष्ट्र के हितों का थोक में आत्मसमर्पण सुनिश्चित करने की साजिश रची है."
पिछले उदाहरणों का हवाला देते हुए, कांग्रेस नेता ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) केवल गुजरात के गिफ्ट सिटी में स्थापित किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया, "डॉ. मनमोहन सिंह ने 2006 में इसे मुंबई में स्थापित करने का प्रयास शुरू किया था. आईएफएससी के लिए बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में जमीन पहले ही अलग कर दी गई थी लेकिन इसमें तोड़फोड़ की गई, जिससे मुंबई में संभावित रूप से 2 लाख नौकरियां खत्म हो गईं."
जयराम रमेश ने कहा, "मुंबई और सूरत ने दशकों से भारत के हीरा उद्योग को विकसित करने के लिए मिलकर काम किया है, सूरत में कटाई और पॉलिशिंग का काम होता है, जबकि मुंबई में व्यापार और निर्यात का काम होता है. हालांकि, सूरत में एक नया भारत डायमंड बोर्स बनाया गया. यह अलग बात है कि यह कदम पूरी तरह विफल रहा है, क्योंकि कई हीरा व्यापारी अपना कारोबार वापस मुंबई ले जा रहे हैं."
‘सेमीकंडक्टर चिप फैक्ट्री को भी गुजरात में ट्रांसफर कर दिया’
उन्होंने कहा कि टाटा-एयरबस विनिर्माण संयंत्र के साथ-साथ, “अब असफल हो चुके वेदांता-फॉक्सकॉन” सेमीकंडक्टर चिप कारखाने को भी महाराष्ट्र से गुजरात में स्थानांतरित कर दिया गया. उन्होंने कहा कि कपड़ा आयुक्तालय कार्यालय, जो 80 सालों से मुंबई में स्थित था, उसको पिछले साल बिना किसी स्पष्ट कारण के अचानक दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया, जबकि मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर) कपड़ा उद्योग का प्रमुख केंद्र बना हुआ है.
उन्होंने कहा, "हम पूरे देश के समान विकास में विश्वास करते हैं. नई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, विशेष निवेश क्षेत्रों और आधुनिक उद्योग से सभी भारतीयों को लाभ मिलना चाहिए, न कि केवल एक राज्य को."
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