टाटा-मिस्त्री विवाद में आज आखिरी सुनवाई, NCLT के आदेश के खिलाफ की गई है अपील
एसपी समूह ने कहा था कि टाटा संस ने धन की व्यवस्था के लिए इन शेयरों को गिरवी रखने की उसकी योजना में बाधा डालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की.
नई दिल्ली: नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के आदेश के खिलाफ टाटा संस और साइरस इंवेस्टमेंट्स की एक-दूसरे के खिलाफ दाखिल की गई अपील पर सुप्रीम कोर्ट में आज आखिरी सुनवाई होगी. दरअसल, नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया था. इस आदेश के खिलाफ अपील की गई थी.
इससे पहले कोर्ट ने 22 सितंबर को शापूरजी पालोनजी (एसपी) समूह और साइरस मिस्त्री को टाटा संस के शेयर गिरवी रखने या ट्रांसफर करने से रोक दिया था. एसपी समूह के पास टाटा संस के 18.37 फीसदी शेयर हैं. एसपी समूह ने कहा था कि टाटा संस ने धन की व्यवस्था के लिए इन शेयरों को गिरवी रखने की उसकी योजना में बाधा डालने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और यह अल्पसंख्यक शेयरधारक के अधिकारों का हनन है.
शेयर गिरवी रखने से रोकने का अनुरोध
वहीं टाटा संस ने पांच सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में मामला दाखिल किया था और साइरस मिस्त्री समूह को पूंजी जुटाने के लिए अपने शेयर गिरवी रखने से रोकने का अनुरोध किया था. टाटा संस इस याचिका के जरिए एसपी समूह को शेयरों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से गिरवी करने से रोकना चाहता था.
अलग होने में भलाई
इससे पहले शापूरजी पालोनजी ग्रुप यानी एसपी ग्रुप ने एक बयान में कहा था कि अब अलग होने में ही संबंधित पक्षों की भलाई है. एसपी ग्रुप ने कहा था कि टाटा संस के पिछले कदमों और बदले की ताजा कार्रवाई से एसपी ग्रुप कम्यूनिटी पर आंच आ रही है. लिहाजा अब अलग होने का समय आ गया है. पिछले 70 साल से यह रिश्ता परस्पर दोस्ती और विश्वास पर टिका था.
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