UP Assembly Election 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है. प्रदेश की राजधानी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट हॉट सीट बन गई है. इस सीट को लेकर बीजेपी में माथापच्ची चल रही है, क्योंकि यहां से उसके पास कई दावेदार हैं और किसे टिकट दिया जाए, इसपर जरूर विचार चल रहा होगा. लखनऊ के अंतर्गत विधानसभा की 5 सीटें आती हैं और लखनऊ कैंट को बीजेपी की सबसे सेफ सीट माना जाता है. वह यहां पर 5 बार से ज्यादा जीत हासिल कर चुकी है.
लखनऊ कैंट सीट पर वोटिंग चौथे चरण के तहत 23 फरवरी को होगी, लेकिन बीजेपी अब तक अपने उम्मीदवार के नाम पर मुहर नहीं लगा पाई है. लखनऊ कैंट सीट पर 3 लाख से ज्यादा मतदाता हैं. यहां पर ज्यादातर हिंदू मतदाता हैं. इस सीट को लेकर बीजेपी का सिरदर्द तब बढ़ा जब यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव पार्टी में शामिल हुईं. अपर्णा इससे पहले लखनऊ कैंट सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं, लेकिन इस बार वह कमल के निशान पर चुनाव मैदान में उतरना चाहती हैं.
रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए मांग रहीं टिकट
दूसरी ओर, प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक के लिए यहां से टिकट मांग रही हैं. लखनऊ कैंट की पूर्व विधायक रीता बहुगुणा जोशी ने यहां तक कहा कि अगर पार्टी उनके बेटे को टिकट देने की योजना बना रही है तो वह अपनी एमपी सीट छोड़ने के लिए तैयार हैं.
इन सभी अटकलों के बीच लखनऊ कैंट के मौजूदा विधायक सुरेश चंद्र तिवारी ने कहा कि पार्टी नेतृत्व पहले ही साफ कर चुका है कि मौजूदा सांसदों के परिवार के किसी सदस्य को टिकट नहीं दिया जाएगा, ऐसे में रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए टिकट नहीं ले पाएंगी.
अपर्णा यादव के बारे में बात करते हुए तिवारी कहते हैं, 'मुझे नहीं लगता है कि पार्टी उन्हें किसी सीट से टिकट देगी. उन्हें उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने की जिम्मेदाराी दी जा सकती है.' सुरेश चंद्र तिवारी ने आगे कहा कि मैं फिर से चुनाव लड़ने की इच्छा जता चुका हूं. मेरा मानना है कि मुझे कैंट सीट से टिकट मिल रहा है. बता दें कि सुरेश चंद्र तिवारी लखनऊ कैंट सीट से चार चुनाव जीत चुके हैं और दशकों से बीजेपी से जुड़े हुए हैं.
उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी की ओर से जो भी उम्मीदवार चुना जाएगा, मैं सीट सुरक्षित करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा. टिकट नहीं मिलने पर भी मैं प्रत्याशी के लिए प्रचार करूंगा.