'भारतीय सैनिक एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे..,' तवांग हिंसक झड़प पर बोले अरुणाचल के BJP सांसद, कहा- चीन को हुआ ज्यादा नुकसान
BJP सांसद तपीर गाओ ने कहा कि अगर पीएलए भविष्य में इस तरह के काम करती रही तो भारत-चीन संबंधों को नुकसान होगा. इस तरह की सीमा घटनाएं दोनों देशों के संबंधों के लिए खराब हैं.
Tawang Clash: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में 9 दिसंबर को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई. इस झड़प में करीब 30 भारतीय सैनिक मामूली रूप से घायल हुए हैं. इस पूरी घटना पर अब अरुणाचल ईस्ट से बीजेपी सांसद तपीर गाओ (BJP MP Tapir Gao) का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सैनिक (Indian Army) सीमा से एक भी इंच पीछे नहीं हटेंगे.
अरुणाचल ईस्ट के बीजेपी सांसद तपीर गाओ ने कहा, "...मैंने सुना है कि भारतीय पक्ष में कुछ चोटों की सूचना मिली थी, लेकिन पीएलए को बहुत अधिक चोटें आईं...सीमा पर भारतीय सैनिक एक इंच भी नहीं हिलेंगे... यह घटना निंदनीय है..."
'भारत-चीन संबंधों को नुकसान होगा'
बीजेपी सांसद गाओ ने आगे कहा, "जब मैंने 9 दिसंबर की घटना के बारे में सुना तो मुझे दुख हुआ. मैं इसकी निंदा करता हूं. अगर पीएलए भविष्य में इस तरह के काम करती रही तो भारत-चीन संबंधों को नुकसान होगा. इस तरह की सीमा घटनाएं दोनों देशों के संबंधों के लिए खराब हैं. भारत और चीन को संबंधों को बेहतर बनाने पर काम करना चाहिए."
#WATCH | On India-China face-off in Tawang sector, BJP MP from Arunachal-East, Tapir Gao says, "...I heard that a few injuries were reported on Indian side but PLA suffered much more injuries...Indian soldiers at border won't budge even an inch...The incident is condemnable..." pic.twitter.com/H2G429ab1Z
— ANI (@ANI) December 13, 2022
तवांग में टकराव
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में दोनों देशों के सैनिकों में 9 दिसंबर को हुई इस हिंसक झड़प में भारत ने चीन के करीब 300 से ज्यादा सैनिकों को पीछे खदेड़ दिया. इस घटना में चीन के 20 सैनिक घायल हुए हैं. सूत्रों के मुताबिक, चीन को भारी नुकसान हुआ है. हालांकि, बाद में दोनों सेनाओं के कमांडरों के बीच तनाव कम करने के लिए बातचीत हुई.
कांग्रेस ने कहा- संसद में हो चर्चा
कांग्रेस ने भारतीय और चीनी सैनिकों की अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के निकट झड़प की घटना को लेकर सोमवार को कहा कि सरकार को इस मामले पर संसद में चर्चा के माध्यम से देश को विश्वास में लेने की जरूरत है.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश की सुरक्षा पर एकजुट लेकिन सरकार को ईमानदार होना चाहिए, संसद में चर्चा कराकर देश को मोदी सरकार भरोसे में ले. कांग्रेस ने कहा कि सरकार ढुलमुल रवैया छोड़कर सख्त लहजे में चीन को समझाए कि उसकी ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
पिछले साल भी हुआ था टकराव
गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पिछले साल अक्टूबर में भी यांग्त्से के पास एक संक्षिप्त टकराव हुआ था और स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडरों के बीच बातचीत के बाद इसे सुलझा लिया गया था. वहीं जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण संघर्ष के बाद भारत और चीन के बीच संबंधों में काफी तल्खी आ गई थी. दोनों पक्षों ने एलएसी पर धीरे-धीरे हजारों सैनिकों और भारी हथियारों की तैनाती कर दी है. पूर्वी लद्दाख गतिरोध के बाद, भारतीय सेना ने पूर्वी थिएटर में एलएसी पर अपनी अभियानगत क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाया है.
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