India-China Border Tension: अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई झड़प को लेकर संसद में एक बार फिर घमासान देखने को मिल सकता है. इस मुद्दे पर लोकसभा में मंगलवार (20 दिसंबर) को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी स्थगन प्रस्ताव लाने वाले हैं. स्थगन प्रस्ताव लाने के लिए उन्होंने नोटिस दे दिया है.
संसद में मोदी सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस के साथ AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी भी खड़े हैं. जानकारी के अनुसार ओवैसी भी इस मुद्दे को लेकर स्थगन प्रस्ताव ला सकते हैं. ओवैसी ने सरकार पर देश को अंधेरे में रखने का आरोप लगाया. उन्होंने सवाल किया कि जब झड़प 9 दिसंबर को हुई थी, तो उसकी जानकारी 13 दिसंबर तक क्यों दबाई गई? जब संसद का सत्र चल रहा था तब इस बारे में क्यों नहीं बताया गया?
'कहां गया 56 इंच का सीना?'
ओवैसी ने ये भी दावा किया कि चीन की सरकार ने बफर जोन बनाया है, जिससे हमारी सेना पेट्रोलिंग नहीं कर पाती है. उन्होंने कहा कि चीन को लेकर सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए. चीन हमसे जमीन छीन रहा है. मोदी सरकार चीन के बारे में झूठ बोलती है. सरकार को संसद में चीन पर चर्चा करना चाहिए. संसद में सरकार चर्चा से भाग रही है. 56 इंच का सीना अब क्या हुआ है.
राहुल गांधी को जयशंकर का जवाब
उधर राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर को इस मामले में अपनी समझ बढ़ाने की सलाह दी थी. कहा था कि ये झड़प नहीं, बल्कि चीन युद्ध की तैयारी कर रहा है. सोमवार (18 दिसंबर) को लोकसभा में विदेश मंत्री जयशंकर ने राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा, "हमें अपने जवानों की प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आलोचना नहीं करनी चाहिए. हमारे सैनिक यांग्त्से में 13,000 फीट की ऊंचाई पर खड़े हैं और हमारी सीमा की रक्षा कर रहे हैं. उनका सम्मान और सराहना की जानी चाहिए."
चीन बॉर्डर पर तैनात होंगे जोरावर टैंक!
चीन के साथ मौजूदा टकराव के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए हल्के वजन वाले टैंकों की जरूरत महसूस की गई है, ताकि इन्हें 8 से 10 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाया जा सके. रक्षा मंत्रालय इस सप्ताह के आखिर में होने वाली बैठक में चीन सीमा पर तैनाती के लिए हल्के टैंकों पर सेना के एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव की चर्चा करने वाला है. सरकारी सूत्रों ने एएनआई को बताया कि रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में मेक इन इंडिया के तहत इनमें से 354 टैंक खरीदने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी. भारतीय सेना ने अपने भविष्य के लाइट टैंक के लिए स्पेसिफिकेशंस जारी किए हैं जिसे 'जोरावर' नाम दिया गया है.
'भारतीय सेना पर पूरा भरोसा'
तवांग मठ ने इस मामले पर भारतीय सेना का समर्थन किया है. तवांग मठ के भिक्षु लामा येशी खावो ने कहा, "हमें पीएम मोदी की सरकार और भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है. सरकार और भारतीय सेना तवांग को सुरक्षित रखेगी. 1962 के युद्ध के दौरान भी इस मठ के भिक्षुओं ने भारतीय सेना की मदद की थी. चीनी सरकार का दावा बिल्कुल गलत है कि तवांग उसका हिस्सा है. तवांग भारत का अभिन्न अंग है."