Tawang High Altitude Marathon Update: उगते सूर्य की भूमि के रूप में जाने जाने वाले भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 1 अक्टूबर को समुद्र तल से 10,000 फीट की ऊंचाई पर देश की पहली हाई एल्टीट्यूड मैराथन की तैयारियां पूरी हो गई हैं. मैराथन के आयोजन का प्रमुख भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल मनीष एरी को बनाया गया है.


शनिवार (30 सितंबर) को उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के शानदार सहयोग से यह मैराथन होने जा रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री पेमा खांडू का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने इस तरह के मैराथन का सपना देखा था और राज्य सरकार से हर तरह का सहयोग मिल रहा है. बड़ी संख्या में लोगों को इसमें शामिल होने का आह्वान करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मनीष एरी ने कहा कि हाई एल्टीट्यूड पर यह मैराथन हो रहा है. इसलिए चिकित्सा की सुविधाओं का खास तौर पर ख्याल रखा गया है. राज्य सरकार ने हर तरह की मदद की है.


उन्होंने कहा, "इसमें हर कोई भाग ले सकता है. मेरा मैसेज यही है कि कम रन फॉर फन." इसकी खासियत का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि यह दुनिया का सबसे फास्टेस्ट ग्रोइंग पोर्ट है. इसमें हर तरह के लोग भाग लेते हैं. कोई नौजवान है, कोई बुजुर्ग है, कोई दिव्यांग है. हर कोई इसमें भाग ले सकता है. और यह एक जीतने के लिए दौड़ नहीं है, मेडल के लिए दौड़ नहीं है बल्कि यह एक उत्सव की तरह हो गया है. शहर वासी इस पर गर्व कर रहे हैं.


अरुणाचल के मुख्यमंत्री पहले प्रतिभागी
आपको बता दें कि यह मैराथन संयुक्त रूप से भारतीय सेना और अरुणाचल प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित किया जा रहा है. इसका प्राथमिक उद्देश्य साहसिक खेलों को बढ़ावा देना और एक मैराथन ट्रेल स्थापित करना है जो राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देगा. इस आयोजन में देश भर से बड़ी संख्या में मैराथन उत्साही लोगों के शामिल होने की उम्मीद है.


अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने तवांग की लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता और प्राचीन घाटियों ‌ के पर्यटन पर जोर देते हुए अपना उत्साह व्यक्त किया है. सीएम खांडू ने जून में आधिकारिक तौर पर मैराथन की घोषणा की थी, और पहले प्रतिभागी के रूप में पंजीकरण भी करा लिया था.


सैन्य बलों के अधिकतर जवान लेंगे हिस्सा
तवांग मैराथन में पूर्ण मैराथन, हाफ-मैराथन, 10 किमी और 5 किमी दौड़ सहित विभिन्न खंड शामिल होंगे. विशेष रूप से, इस आयोजन में भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, भारतीय वायु सेना और आईटीबीपी और एसएसबी जैसे प्रमुख केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की मजबूत भागीदारी होगी.


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