25 साल पुराने माइकल जैक्सन के कॉन्सर्ट को टैक्स में छूट, उद्धव ठाकरे की सरकार ने लिया फैसला
1996 में राज ठाकरे और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी विजक्राफ्ट ने माइकल जैक्सन के कार्यक्रम का मुंबई में आयोजन किया था. तब इस शो को क्लासिकल कॉनसर्ट बताकर सरकार से छूट की अपील की गई थी, जिसे तत्कालीन सरकार ने मंजूर कर लिया था. बाद में इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
मुंबई: महाराष्ट्र कैबिनेट ने विजक्राफ्ट कंपनी को 25 साल पुराने मामले में बड़ी राहत देते हुए 3 करोड़ 34 लाख रुपये का टैक्स माफ़ कर दिया. साल 1996 में राज ठाकरे जब शिवसेना में थे तो उन्होंने पॉप गायक माइकल जैक्सन को भारत बुलाकर एक बड़ा शो आयोजित किया था. यह शो विजक्राफ्ट नाम की कंपनी के जरिए करवाया गया था. उस वक्त जैक्सन के प्रोग्राम को एक क्लासिकल सिंगर का प्रोग्राम बताकर तीन करोड़ 34 लाख रुपए का टैक्स माफ किया गया था. लेकिन बाद में इसे लेकर मुंबई हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. कोर्ट में सरकार के फैसले को चुनोती दी गई थी. कई साल की कोर्ट की लड़ाई के बाद शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार ने माइकल जैक्सन के शो आयोजित करने वाली कम्पनी को बड़ी राहत दी है.
दूसरी तरफ कैबिनेट बैठक में सरकार ने महाराष्ट्र में हुए की सारे एंटरटेनमेंट शो से टैक्स के रुप में सरकार को होनेवाली आमदनी की विस्तृत रिपोर्ट पेश करने की सूचना राजस्व विभाग को दी है. जिसके जरिये सरकार ये जानने चाहती है कि तत्कालीन फड़नवीस सरकार के वक्त कितने कंपनियों इस तरह का लाभ मिला था.
क्या पूरा है मामला ?
शिवसेना-बीजेपी सरकार की अगुवाई में राज ठाकरे और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी विजक्राफ्ट ने माइकल जैक्सन के कार्यक्रम का मुंबई में आयोजन किया था. दिलचस्प बात ये है कि इस प्रोग्राम को क्लासिकल कॉन्सर्ट बताकर सरकार से एंटरटेनमेंट टैक्स की छूट की दरखास्त की थी. जिसे सरकार ने मंजूर कर लिया था.
लेकिन मुंबई ग्राहक पंचायत ने सरकार के इस फैसले को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि जिस प्रावधान के तहत सरकार ने विजक्राफ्ट को 3 करोड़ 34 लाख छूट दी है, वो दरअसल नियमों के तहत नहीं आता. ग्राहक पंचायत की ओर से कोर्ट में दलील पेश की गई कि माइकल जैक्सन के 'पॉप शो' को क्लासिकल कॉन्सर्ट बताकर सरकार को गुमराह किया गया. इसके बाद कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए वो राशि कोर्ट की ट्रेजरी में जमा कर दी.
इस मामले में साल 2018 में भी राजस्व विभाग ने सुनवाई की थी. तत्कालीन फड़नवीस सरकार के वक्त भी मनोहर जोशी के सरकार के लिए हुए फैसले को नियमों के तहत बताया था. जिसके चलते याचिकाकर्ता की दलील सुनते हुए कोर्ट ने फिर एक बार गेंद राज्य सरकार के पाले में डाल दी थी. विजक्राफ्ट कंपनी को एंटरटेनमेंट टैक्स में छूट दी जाए या नहीं ये सरकार तय करके बताए. ग्राहक पंचायत ने राशि को कोविड स्थिति को ध्यान में रखते हुए सीएम रिलीफ़ फ़ंड में जमा करने की मांग के साथ सीएम पत्र लिखा है.
बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के बीच प्रशासन ने लिया फैसला, अब यहां पर नहीं बिकेगा चिकन