नई दिल्ली: कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ के सुसाइड केस के बाद फिर एक बार 'टैक्स टेररिज्म' को लेकर डिबेट तेज हो गया है. सरकार पर टैक्स को लेकर सख्ती के आरोप लग रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एसएम कृष्णा के दामाद और कैफे कॉफी डे के ओनर वीजी सिद्धार्थ सोमवार शाम को मंगलुरू के नेत्रावती ब्रिज से लापता हुए थे, जिसके बाद 36 घंटे के सर्च ऑपरेशन के बाद बुधवार सुबह 6:30 बजे नेत्रावती नदी में उनकी डेड बॉडी मिली. आज शाम को पोस्टमार्टम कर चिकमंगलूर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा.


सिद्धार्थ ने नेत्रावती नदी के पास ड्राइवर को गाड़ी रोकने को कहा और उसके बाद ड्राइवर को वहां से निकल जाने को कहा. उन्होंने कहा था कि वह खुद घर पहुंच जाएंगे. पुल पर छोड़ने के घंटों बाद भी जब वो नहीं लौटे तो पुलिस को खबर की गई. जिसके बाद पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए सिद्धार्थ की तलाश शुरू की थी. इस बीच सिद्धार्थ का कॉफी डे के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कॉफी डे फैमिली को लिखे गए पत्र से यह साफ हो गया है कि पिछले कुछ दिनों से वे फाइनेंशियल क्राइसिस का सामना कर रहे थे. पिछले 2 सालों के भीतर कॉफी डे को काफी नुकसान झेलना पड़ा जिसके कारण कई जगह पर स्टोर्स बंद किए गए. यही कारण है कि सिद्धार्थ ने उस पत्र में वित्तीय संकट की बात कही और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स और कर्मचारियों से माफी मांगते हुए कहा कि इसका जवाबदेह केवल मैं हूं.


सिद्धार्थ के करीबी बताते हैं कि सिद्धार्थ काफी मेहनती इंसान थे जिन्होंने अपने दिमाग के बल पर इतना बड़ा एंपायर खड़ा किया और देश के जाने-माने नामों में अपना नाम शुमार किया. यही कारण है कि देश में कैफे कॉफी डे के 1700 से ज्यादा आउटलेट्स है. चिकमंगलूर से ताल्लुक रखने वाले सिद्धार्थ का 12,000 एकड़ में फैला कॉफी एंपायर है. और यही कॉफी देशभर के 1700 से ज्यादा उन आउटलेट्स में इस्तेमाल की जाती थी. सिद्धार्थ का सालाना टर्नओवर करीब 4264 करोड़ रहा. इससे पहले सिद्धार्थ का नाम 2015 में फॉक्स की लिस्ट में भी शामिल किया गया था जिसमें उन्हें 8200 करोड़ की संपत्ति का मालिक बताया गया था.


लेकिन 2017 में सिद्धार्थ पर टैक्स चोरी का आरोप लगा था. कर्नाटक और गोवा की आयकर विभाग की टीमों ने उनके चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु, चिकमंगलुरू समेत 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी जहां से आयकर विभाग ने 650 करोड़ अवैध संपत्ति जब्त की थी. बताया जा रहा है कि कॉफी डे के मालिक सिद्धार्थ भारी कर्ज की चपेट में थे. साथ ही सामने आई उनकी चिट्ठी से एक और बात साफ होती है कि किस तरह से वे आयकर विभाग से परेशान थे. उन्होंने अपनी चिट्ठी में पूर्व आयकर विभाग के डीजे पर भी आरोप लगाए हैं. जिससे इस वक्त टैक्स टेररिज्म को लेकर बहस छिड़ गई है. सिद्धार्थ के करीबी बताते हैं कि वे बहुत ही सुलझे हुए व्यक्ति थे और किसी ने कभी सोचा नहीं था कि सिद्धार्थ जैसे मेहनती कभी आत्महत्या का सोच भी सकते हैं.


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