Tirupati Laddoos Row: आंध्र प्रदेश में गुरुवार (19 सितंबर) को उस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी ने दावा किया कि तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने जो घी इस्तेमाल होता था उसमें गोमांस की चर्बी, लार्ड (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली का तेल मिलाया जाता था. इन आरोपों की पुष्टि लैब रिपोर्ट से होती है, जहां तिरुपति लड्डू के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे.


ये दावे 18 सितंबर यानि कि बुधवार को सामने आए, जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली पिछली वाईएसआरसीपी सरकार ने तिरुपति लड्डू में घी के बजाय पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, वाईएसआरसीपी ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. केंद्र सरकार की लैब ने एक रिपोर्ट ने दी है.


तिरुपति के लड्डुओं पर क्या बोली TDP?


मिलावट वाले घी के इस्तेमाल के आरोपों पर टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें साफ तौर से दिए गए घी के सैंपल में "गोमांस की चर्बी" की मौजूदगी की पुष्टि की गई थी. अनम वेंकट रमण रेड्डी ने तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा दिए गए घी के नमूनों पर दावे का समर्थन करने के लिए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कथित लैब रिपोर्ट दिखाई.


अनम वेंकट रमण रेड्डी ने कहा, "सैंपलों की लेबोरेटरी रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि तिरुमाला को सप्लाई किए गए घी में गोमांस की चर्बी, लार्ड और मछली के तेल का इस्तेमाल किया गया था. हालांकि, न तो आंध्र प्रदेश सरकार और न ही टीटीडी ने आधिकारिक तौर पर लेबोरेटरी रिपोर्ट की पुष्टि की. 


वाईएसआरसीपी ने क्या कहा है?


उधर, वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआरसीपी ने आरोपों से इनकार किया है. इस दौरान वाईएसआरसीपी ने सीएम चंद्रबाबू नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए "घृणित आरोप" लगाने का आरोप लगाया है. वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वाईवी सुब्बा रेड्डी, जो 4 सालों तक टीटीडी के अध्यक्ष भी रहे हैं. उन्होंने कहा कि नायडू के आरोपों से देवता की पवित्र प्रकृति को नुकसान पहुंचा है और भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है.


जानिए लैब रिपोर्ट में क्या निकला था?



तिरुपति लड्डू के सैंपल गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला में भेजे गए थे. जहां सैंपलों की तारीख 9 जुलाई, 2024 थी और लैब रिपोर्ट 16 जुलाई की थी. कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट में नमूनों में “लार्ड”, “बीफ़ टैलो” और “मछली का तेल” की मौजूदगी दिखाई गई. हालांकि, आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी), जो प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है. उसकी ओर से कोई पुष्टि नहीं हुई है.



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