(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
चाय पीने से उम्र बढ़ती है या घटती? जानिए इस रिसर्च में क्या किया गया है दावा
यूके बायोबैंक के अध्य्यन में कहा गया कि चाय पीने से आपकी जिंदगी लंबी हो सकती है. जो लोग दिन में दो या दो से अधिक कप चाय पीते हैं, उनमें मृत्यु का जोखिम कम होता है.
भारत में चाय को लेकर जो जुनून है वो किसी से छिपा नहीं है. हमारे देश में क्या गरीब- क्या अमीर, सभी चाय के तलबगार हैं. सुबह की पहली चुस्की हो, बारिश का आनंद लेना हो या दोस्तों के साथ एक बैठकी का बहाना हो, चाय हर मर्ज़ की दवा बन जाती है. इस बीच अनैल्स ऑफ इंटरनल मेडिसन नामक पत्रिका में प्रकाशित हुए यूके बायोबैंक के अध्य्यन में कहा गया कि चाय पीने से आपकी जिंदगी लंबी हो सकती है. जो लोग दिन में दो या दो से अधिक कप चाय पीते हैं, उनमें मृत्यु का जोखिम कम होता है. हालांकि रिसर्च में ये बात भारत में बनाई जाने वाली दूध वाली चाय के बारे में नहीं बल्कि काली चाय के बारे में कहीं गई है.
अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने शोध में पाया गया कि काली चाय की पत्तियों में एंटीऑक्सिडेंट का मात्रा काफी ज्यादा होती है. ये खून से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने, सूजन को कम करने और शरीर में हो रहे जलन को रोकने में मदद करता है. बता दें कि काली चाय यूनाइटेड किंगडम में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. आपको ये जानकर हैरानी होगी की दुनिया के अलग-अलग कोने में चाय के भिन्न- भिन्न रूप प्रसिद्ध है. एक तरफ जहां भारत में दूध वाली चाय बनाई जाती है वहीं चीन और जापान ग्रीन टी को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. यूनाइटेड किंगडम में लोग काली चाय पीते हैं. काली चाय से पहले ग्रीन टी पर भी एक अध्ययन हो चुका है जिनमें बताया गया कि चाय हमारे शरीर को स्वास्थ्य रखने में मदद करता है.
अमेरिकी नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिकों ने अपने रिसर्च में कुछ दिलचस्प निष्कर्ष पेश किए हैं. शोधकर्ताओं ने बताया कि उनके रिसर्च में यूनाइटेड किंगडम के पांच लाख से ज्यादा लोगों की चाय से जुड़ी आदतों के आंकड़े थे. ये आंकड़े चाय पीने वाले लोगों के 14 साल तक बात करने के दौरान जुटाए गए थे. इस रिसर्च से यह पता चला कि जो लोग ज्यादा चाय पीते हैं उनके जीने की संभावना चाय नहीं पीने वालों से थोड़ी सी ज्यादा होती है. शोध के अनुसार रोज एक या दो कप चाय पीने वाले लोगों में मरने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में 9 से 13 प्रतिशत कम हो जाता है.
अनैल्स ऑफ इंटरनल मेडिसन पत्रिका में प्रकाशित इस रिसर्च में रिसर्चर्स ने कहा कि चाय हृदय रोगों के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसका कैंसर की बीमारी पर कोई असर नहीं पड़ता है. मुख्य शोधकर्ता माकी इनोऊ-चोई ने पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा, "अगर आप एक दिन में एक या दो कप चाय पी रहे हैं तो ये आपके शरीर लिए फायदेमंद है. मेरी सलाह है कि 1 या 2 कप चाय पीते रहिए."
वन हेल्थ की फाउंडर डॉ शिखा शर्मा कहती हैं, 'भारत की बात करें तो यहां ज्यादात्तर लोगों को चाय बहुत पसंद है. यह एक शानदार पेय पदार्थ है जो इम्यूनिटी को मजबूत करती है और बैक्टीरिया, वायरल संक्रमण से लड़ने में मदद करती है. लेकिन सावधानी पूर्वक इसकी व्याख्या करना ही समझदारी होगी. उन्होंने कहा कि चाय सेहत के लिए फायदेमंद तो है लेकिन ये डिपेंड करता है कि आप कौन सी चाय और किस क्वालिटी की चाय पी रहे हैं. अगर आप दूध वाली चाय पी रहे हैं तो इसका कोई बेनिफिट नहीं है क्योंकि दूध चाय के एक्टिव कंपाउंड को नष्ट करता है. जिसके बाद उसमें कैफीन बच जाता है और इससे हमें कोई फायदा नहीं होता.
उन्होंने कहा कि अच्छी क्वालिटी की चाय इसलिए पीना चाहिए क्योंकि आजकल पुरानी चायपत्ती को कलर करके रीयूज कर लिया जाता है. इसलिए अगर आप चाय के शौकीन हैं और बार बार चाय पीते हैं तो कोशिश करें कि अच्छी क्वालिटी की ही पत्ती का इस्तेमाल करें. दिनभर में 2 कप चाय पीना सेहत के लिए ठीक है उससे ज्यादा पीने से बचें. डॉक्टर शिखा ने कहा कि चाय में एक तरह का एडिक्शन होता है इसलिए 14 साल के बच्चें इससे दूर ही रहने चाहिए.
चाय का इतिहास
इसके इतिहास की बात करें तो यह 5000 साल पुराना माना जाता है. चाय को लेकर ये कहानी काफी मशहूर है कि एक बार चीन के सम्राट शैन नुंग मैदान में बैठे थे उनके सामने गर्म पानी का प्याला रखा हुआ था, उसमें कुछ सूखी पत्तियाँ आकर गिर गयी और जब सम्राट ने उस पत्ती वाली पानी को पिया तो पानी का स्वाद बदल गया था और वह उन्हें बहुत पसंद आया और धीरे धीरे यह चीन के प्रमुख पेय में से एक बन गया.
भारत में चाय की शुरुआत
हालांकि भारत में चाय की शुरुआत सन 1834 में अंग्रेजों ने की थी. 1824 में बर्मा (म्यांमार) और असम की सीमांत पहाड़ियों पर चाय के पौधे पाए गए. जिसके बाद अंग्रेजो ने साल 1836 में इसके उत्पादन की शुरुआत की थी. जिसके बाद साल 1867 में श्रीलंका में चाय उगाया गया. सबसे पहले एक वो वक्त भी था जब चाय के लिए रुपये के तौर पर अफीम दी जाती थी. भारत में शुरुआत में लोग ज्यादा चाय नहीं पीते थे. बच्चों को तो बिल्कुल ही पीने से मना किया जाता था. गांव में एक कहावत काफी मशहूर थी कि बच्चे चाय पिएंगे तो उनका कलेजा जल जाएगा. लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया चाय भारतीयों की पहली पसंद बन गई. अब देश में करीब 90 प्रतिशत लोग दिन में औसतन दो बार चाय जरूर पीते हैं.
वहीं चाय के कईं प्रकार भी हैं. जिसमें वाइट टी, ग्रीन टी, ओलांग टी, ब्लैक टी और हर्बल टी सबसे पॉपुलर प्रकार है. इन प्रकारों में ग्रीन टी सबसे ज्यादा मशहूर है इसे एशिया में काफी पसंद किया जाता है. वहीं वाइट टी शुद्ध और सभी चाय में सबसे कम प्रोसेस्ड होती है. ब्लैक टी को केवल गर्म पानी में पत्तियां डालकर या दूध और शक्कर के साथ भी पिया जाता है. यह यूनाइटेड स्टेटे में काफी प्रसिद्ध है. हर्बल टी में किसी भी प्रकार की चाय की पत्तियां नहीं डाली जाती जबकि वाइट टी शुद्ध और सभी चाय में सबसे कम प्रोसेस्ड होती है. चाय को लेकर एक रोचक तथ्य यह भी है कि दुनिया भर में पानी के बाद चाय दूसरा सबसे ज्यादा पिया जाने वाला द्रव्य है. दुनिया में लगभग तीन हजार तरह की चाय उपलब्ध हैं.