Yogi Government On Teacher Recruitment: आंदोलन (Movement) कर रहे नौजवानों ने यूपी (UP) की योगी सरकार (Yogi Government) के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. प्राथमिक शिक्षकों (Primary Teachers) की भर्ती की मांग कर रहे कुछ लोगों ने कल योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाक़ात की थी. जिसके बाद आज बेसिक शिक्षा मंत्री (Basic Education Minister) ने बाक़ी बचे हुए 17000 पदों पर शिक्षकों की भर्ती करने का एलान कर दिया. साथ ही सरकार की तरफ़ से ये भी वादा किया गया कि पिछड़े कोटे से नौकरी देने में जो गड़बड़ी हुई उसके बदले 6 हज़ार टीचरों को उसी कोटे से नौकरी दी जाएगी. लेकिन आंदोलन कर रहे लोगों ने देर शाम बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी (Satish Dwivedi) के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. क़रीब साल भर से लोग आंदोलन पर हैं.
69000 सहायक शिक्षक भर्ती के आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थियों में सरकार द्वारा 18000 से 20000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले में से मात्र 6000 सीटों पर आरक्षण घोटाला स्वीकार करने से आरक्षण पीड़ित ओबीसी तथा एससी वर्ग के अभ्यर्थी बहुत ही परेशान है तथा सरकार के प्रति अभ्यर्थियों में आक्रोश एवं नाराजगी है.
अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि जब राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने 29 अप्रैल 2021 को इस भर्ती में आरक्षण घोटाले की रिपोर्ट बेसिक शिक्षा विभाग को सौंपी है तथा उस रिपोर्ट में पूरी तरह से आरक्षित वर्ग की 18 से 20000 सीटों पर आरक्षण घोटाला बताया गया है तो सरकार ने आयोग की उस रिपोर्ट को क्यों नहीं माना और यदि सरकार इस भर्ती में मात्र 6000 आरक्षित वर्ग की सीटों पर घोटाला स्वीकार कर रही है तो इन 6000 अभ्यर्थियों को इस 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया से बाहर क्यों नहीं कर रही , सरकार को चाहिए कि गलत तरीके से चयन प्रक्रिया में शामिल हो गए अभ्यर्थियों को बाहर किया जाना चाहिए.
बेसिक शिक्षा मंत्री ने अभी पिछले दिनों विधानसभा में बयान दिया था कि भर्ती में कोई भी आरक्षण घोटाला नहीं हुआ है तथा विपक्ष इन अभ्यर्थियों को बरगलाने का प्रयास कर रहा है वही दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा मंत्री इस भर्ती में 18 से 20000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले में से मात्र 6000 सीटों पर आरक्षण घोटाला स्वीकार कर रहे हैं जो पूरी तरह से गलत है.
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है इस भर्ती में ओबीसी वर्ग की 18598 सीट थी जिनमें से मात्र ओबीसी वर्ग को 2637 सीट ही दी गई है तथा ओबीसी वर्ग को 27% की जगह मात्र 3.86% आरक्षण दिया गया है वहीं दूसरी तरफ एससी वर्ग को इस भर्ती में 21% की जगह मात्र 16.6% आरक्षण दिया गया है और इस प्रकार इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन हुआ है.
29 अप्रैल 2021 को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की इस भर्ती में आरक्षण घोटाले से संबंधित जारी रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से बेसिक शिक्षा विभाग को निर्देशित पर स्पष्ट रूप से कहा गया है इस भर्ती में आरक्षण का घोटाला हुआ है तथा आरक्षण का घोटाला करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि यह अनुच्छेद 14,15 तथा 16 का उल्लंघन है लेकिन सरकार ने आयोग की रिपोर्ट पर अधिकारियों के खिलाफ आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं की और ना ही गलत तरीके से चयनित अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया.
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि वह सरकार द्वारा 18 से 20000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले में से मात्र 6000 सीटों पर आरक्षण घोटाला स्वीकार किए जाने से दुखी हैं और वह अपना धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बना रहे हैं तथा हाई कोर्ट खुलते ही इस मामले को हाईकोर्ट में चैलेंज किया जाएगा.