नई दिल्ली: देशभर में हर हाल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस दिन स्कूल-कॉलेज में कई तरह के कार्यक्रम होते हैं जिसमें बच्चे शरीक होकर अपने गुरू के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं. हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में शिक्षकों को एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. शिक्षक युवाओं का भविष्य बनाने का काम करते हैं. ऐसे में आप भी सोचते होंगे कि आखिर हर साल 5 सितंबर के ही दिन शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है. आइए आज हम आपको इस दिन की खासियत के बारे में बताते हैं.


क्यों मनाते हैं पांच सिंतबर को शिक्षक दिवस


पांच सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है. उन्हीं की याद में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के महत्व को बहुत ज्यादा मानते थे. डॉ. राधाकृष्णन खुद महान शिक्षाविद थे. उनका कहना था कि शिक्षा का मतलब सिर्फ जानकारी देना ही नहीं है. जानकारी का अपना महत्व है लेकिन बौद्धिक झुकाव और लोकतांत्रिक भावना का भी महत्व है क्योंकि इन भावनाओं के साथ छात्र उत्तरदायी नागरिक बनते हैं. डॉ. राधाकृष्णन मानते थे कि जब तक शिक्षक शिक्षा के प्रति समर्पित और प्रतिबद्ध नहीं होगा, तब तक शिक्षा को मिशन का रूप नहीं मिल पाएगा.


एक बार उनके कुछ विद्यार्थी और दोस्तों ने उनके जन्मदिन को सेलिब्रेट करने का मन बनाया. इस पर डॉ सर्वपल्ली ने कहा कि मेरा जन्मदिन अलग से मनाने के बजाए अगर इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व महसूस होगा. इसके बाद साल 1965 में डॉ.एस.राधाकृष्णन के कुछ छात्रों ने उनके प्रति सम्मान प्रकट करते हुए एक सभा का आयोजन किया. इसी आयोजन में उन्होंने अपने भाषण में कहा कि उनकी जयंती को भारत और बांग्लादेश के अन्य महान शिक्षकों को श्रद्धाजंलि देकर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए. उसी के बाद से साल 1967 से ही 5 सितंबर को देश डॉ.एस.राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है.


दूसरे देशों में कब मनाया जाता है शिक्षक दिवस


शिक्षक दिवस को अलग-अलग देश अपने तरीके से अलग-अलग तारीख को मनाते हैं. वैसे वैसे विश्व शिक्षक दिवस का आयोजन पांच अक्टूबर को होता है लेकिन ऑस्ट्रेलिया में यह अक्टूबर के अंतिम शुक्रवार को मनाया जाता है. वहीं भूटान में दो मई को तो ब्राजील में 15 अक्टूबर को. कनाडा में पांच अक्टूबर, यूनान में 30 जनवरी, मेक्सिको में 15 मई, पराग्वे में 30 अप्रैल और श्रीलंका में छह अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है.


सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बारे में रोचक तथ्य


1-राधाकृष्णन के छात्र उनसे इतना प्यार करते थे कि एक बार वो उन्हें फूलों से सजी गाड़ी पर खुद ढकेल कर मैसूर यूनिवर्सिटी से रेलवे स्टेशन तक ले गए.


2-राधाकृष्णन को 1938 में ब्रिटिश ऐकेडमी का फैलो चुना गया. 1954 में उनके योगदान के लिए देश का सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार सम्मान भारत रत्न मिला.


3-राधाकृष्णन को 1975 में टैम्पलोटन प्राइड मिला. राधाकृष्णन ने पुरस्कार में मिली पूरी राशि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी को दान दे दी. राधाकृष्णन ने कई किताबें भी लिखी. धर्म, फिलॉसफी जैसे कई विषयों पर उनकी पकड़ उल्लेखनीय थी.


4-राधाकृष्ण ने भारत की जनता के लिए शिक्षा के द्वार खोलने का काम किया. भारत की जनता टीचर्स डे के दिन उनके संदेशों को याद करती है.


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