Kolkata Teachers Recruitment Scam: कोलकाता की एक अदालत ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक माणिक भट्टाचार्य और अन्य के खिलाफ दाखिल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोप पत्र पर संज्ञान लिया है. ईडी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.


ईडी ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के समक्ष दाखिल आरोप पत्र में भट्टाचार्य, उनकी पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य, उनके बेटे सौविक भट्टाचार्य, तापस कुमार मंडल (एक शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के मालिक) और एक्यूरे कंसल्टेंसी सर्विसेज व एजुक्लास ऑनलाइन जैसी कंपनियों समेत कुल छह लोगों और संस्थाओं को नामजद किया है.
 
शिक्षक घोटाले में 111 करोड़ रुपये संपत्ति कुर्क 
ईडी ने शिक्षक भर्ती घोटाले में 56.15 करोड़ रुपये की संपत्तियों को कुर्क करने के अलावा 49.80 करोड़ रुपये की की नकदी, 5.08 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के सोने और आभूषण जब्त कर चुकी है. मामले में कुल जब्ती और कुर्की 111 करोड़ रुपये है. ईडी इस मामले में धन की हेराफेरी की जांच कर रही है.


आरोप है कि भर्ती परीक्षा को पास नहीं करने वाले कई लोगों से लाखों रुपये की रिश्वत लेकर टीचर बना दिया गया था जबकि पद के लायक लोगों की अनदेखी कर दी गयी थी.


शिक्षा मंत्री को जरूरत पड़ने पर किया जाएगा तलब
इस घोटाले में कोलकाता हाईकोर्ट ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो शिक्षा मंत्री को भी तलब किया जाएगा. पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने उन उम्मीदवारों की सूची जारी की है जिनके नाम की अवैध रूप से सिफारिश की गई थी. आयोग ने उन उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द करने की अनुमति के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले में जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने सीधे तौर पर शिक्षा मंत्री के नाम का जिक्र किया था. शुक्रवार को मामले के दौरान उन्होंने कहा कि शायद पता चल जाए कि माध्यमिक शिक्षा परिषद असल गुनहागार है. अगर बोर्ड कुछ नहीं कर सकता तो शिक्षा मंत्री को तलब किया जा सकता है.


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