मुंबई: पूरा देश एक बार फिर कोरोना महामारी की चपेट में है. बीमारी इतनी विकराल है कि तमाम संसाधन कम पड़ रहे हैं. इस महामारी से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र प्रभावित है. आंकड़ों की बात करें तो पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में कोरोना के 63294 नए केस सामने आए हैं. वहीं 349 लोगों की जान गयी है. महाराष्ट्र सरकार एक बार फिर लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है.
इन्हीं बिगड़ते हालातों को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक हाई लेवल मीटिंग के बाद महाराष्ट्र में केंद्र के एक्सपर्ट्स की टीम भेजने का निर्देश दिया था. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक केंद्रीय टीम ने बताया कि महाराष्ट्र के कुछ जिलों में अस्पतालों में जगह नहीं है तो कुछ जगहों पर ऑक्सीजवन की सप्लाई में दिक्कत है. रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने चिंता जाहिर की है.
केंद्रीय टीम ने क्या बताया?
महाराष्ट्र के अहमदनगर, औररंगाबाद, नागपुर और नंददरबार जिलों के अस्पतालों में बेड उपलब्ध नहीं है. औरंगाबाद पहुंची टीम ने बताया कि गंभीर मारीजों के लिए औरंगाबाद दूसरे जिलों पर निर्भर है.
भंडारा, पालघर, उस्मानाबाद और पुणे में मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारु रूप से नहीं है. सतारा और लातूर में वेटिंलेटर से छेड़खानी की भी रिपोर्ट आयी है. इसके साथ ही औरंगाबाद, नंददरबार, यवतमाल, सतारा, पालघर, जलगांव और जालना में स्वास्थयकर्मियों की कमी की बात भी सामने आयी है.
केंद्रीय टीम के मुताबिक सतारा, भंडारा, पालघर, अमरावती, जालना और लातूर जिलों में टेस्टिंग क्षमता पहले ही ओवरलोड है. इसकी वजह से लोगों को रिपोर्ट मिलने में भी देरी हो रही है. सतारा में इलाज के लिए मरीजों को अस्पताल लाने में देरी हो रही है जिसकी वजह से लोगों की मौत हो रही है.
सतारा, सांगली और औरंगबाद में कंटेनमेंट जोन में भी ढिलायी बरती जा रही है. केंद्र की टीम को कंटेनमेंट जोन में उठाए जा रहे कदम संतोषजनक नहीं लगे. सर्विलांस और कॉन्टेक्ट ट्रैसिंग को लेकर भी केंद्र की टीम असंतोष जाहिर किया. इसके पीछे बड़ी वजह लोगों का ना होना बताया जा रहा है.