Jammu News: केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि पंचायती राज दिवस पर जम्मू में आयोजित जिस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे, उसमें एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी. उनके मुताबिक इसका मकसद स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करना और देश में आजीविका के लिए अपनाए जा रहे विभिन्न नए विकल्पों के बारे में जागरूकता पैदा करना है. प्रधानमंत्री मोदी 24 अप्रैल को 'राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस' के मौके पर जम्मू कश्मीर की यात्रा करेंगे और करोड़ों रुपये की औद्योगिक परियोजनाओं के शिलान्यास समारोह में शामिल होंगे.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान के अनुसार जितेंद्र सिंह ने जम्मू में मंत्रालय द्वारा लगाए गए एक दर्जन से अधिक स्टॉल्स (अस्थायी दुकानें) की समीक्षा की. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के विभिन्न विभागों और इकाइयों की ओर से लगाए गए स्टॉल्स में ग्रामीण और कृषि क्षेत्र के लिए लाभकारी आधुनिक प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष का प्रदर्शन किया जाएगा.
बयान के मुताबिक जितेंद्र सिंह ने सोमवार को सांबा जिले के पल्ली पंचायत में 500 किलोवाट के सौर संयंत्र और प्रदर्शनी के अन्य विषयों का निरीक्षण किया था. इस संयंत्र को रिकार्ड समय में तैयार किया गया है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कार्बन मुक्त सौर संयंत्र कुल 6,408 वर्ग मीटर क्षेत्र में स्थापित किया गया है और इस संयंत्र को 18 दिनों के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है.
उन्होंने कहा कि इस संयंत्र से पंचायत के 340 घरों को स्वच्छ बिजली और रोशनी प्रदान की जाएगी. इसका निर्माण सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने किया है. केंद्रीय मंत्री ने वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ अरोमा मिशन और सामान्य नागरिक की आय के संसाधनों में वृद्धि के लिए बैंगनी क्रांति के समग्र प्रभाव की भी समीक्षा की.
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में युवा आकर्षक नौकरियां छोड़कर डेयरी स्टार्ट-अप्स को अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दो वर्षों में 10 हजार से अधिक डेयरी इकाइयां स्थापित की गईं. जितेंद्र सिंह ने कहा कि युवाओं को कमाई के अच्छे अवसर देने के लिए इस तरह की पहल को पूरे केंद्र शासित प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा "डेयरी स्टार्ट-अप में ताजा दूध के उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देने, बछिया-बछड़ा पालने और स्वरोजगार उत्पन्न करने की अपार संभावनाएं हैं."
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