सिर्फ सड़कों पर ही नहीं बल्कि किसान आंदोलन को सोशल मीडिया पर भी खड़ा करने में जुटे हैं 'टेक्नोसेवी किसान'
सोशल मीडिया के पोस्ट्स पर भी आंदोलनकारी पूरी नजर बनाए रखें हैं. इसके लिए किसान आंदोलन के बीच में ही किसान परिवारों से आए कई युवा लोगों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह यह देखें कि आखिर सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है
नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर लेकर किसान लगातार सड़कों पर बैठे हुए हैं और उनका आंदोलन दिल्ली की सीमा पर जारी है. लेकिन इस दौरान किसान यह भी सुनिश्चित कर रहे हैं कि उनके आंदोलन को लेकर आखिर सोशल मीडिया पर क्या खबर चल रही है या क्या कुछ दिखाया और बताया जा रहा है. सोशल मीडिया के पोस्ट्स पर भी आंदोलनकारी पूरी नजर बनाए रखें हैं. इसके लिए किसान आंदोलन के बीच में ही किसान परिवारों से आए कई युवा लोगों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह यह देखें कि आखिर सोशल मीडिया पर क्या चल रहा है और किस तरह से वह अपने आंदोलन की सही जानकारी लोगों तक पहुंचा सकते हैं.
किसानों का आंदोलन लगातार जोर पकड़ता जा रहा है और इस सब के बीच सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर अलग-अलग तरह के पोस्ट और संदेश भी वायरल हो रहे हैं. ऐसे ही पोस्ट और संदेशों पर नज़र रखने के लिए किसानों ने अपने बीच में से ही कई युवा चेहरों को यह जिम्मेदारी भी सौंपी हुई है कि वह यह सुनिश्चित करें कि किसान आंदोलन को लेकर अगर कोई गलत खबर या संदेश फैलाया जा रहा है तो उसका जवाब दें और अपना पक्ष जनता के सामने रखें.
किसान आंदोलन के बीच से जिन लोगों को ये ज़िम्मेदारी दी गई है वह लोग सुबह से लेकर देर रात तक लगातार सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को लेकर क्या कुछ चल रहा है उस पर नज़र बनाए रहते हैं. इस दौरान वह कुछ वेरीफाई टि्वटर हैंडल का इस्तेमाल कर अपनी जानकारी ट्विटर पर लोगों तक पहुंचाते हैं तो फेसबुक के वेरीफाइड अकाउंट का इस्तेमाल कर फेसबुक लाइव और पोस्ट के गरीब ही किसान आंदोलन से जुड़ी हुई जानकारियां सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वाले लोगों तक पहुंचा रहे हैं इतना ही नहीं येH लोग लगातार व्हाट्सएप का भी इस्तेमाल कर रहे हैं जिसके जरिए अपने गांवों कस्बों और विंडो तक किसान आंदोलन में क्या कुछ चल रहा है उस बारे में जानकारी पहुंचा सके.
इससे साफ है कि किसान आंदोलन फिलहाल भले ही सड़कों पर चल रहा हो लेकिन उसकी गूंज सोशल मीडिया पर भी सुनाई पड़े इसका भी पूरा इंतजाम किया गया है और इसी वजह से जिन लोगों को ये ज़िम्मेदारी सौंपी गई है वो लोग ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप्प समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर किसान आंदोलन से जुड़ी हुई सारी जानकारी उन लोगों तक भी पहुंचा रहे हैं जो इनसे सीधा वास्ता नहीं रखते और इसके इस किसान आंदोलन का दायरा और फैलाने की कोशिश में लगे हैं.