नई दिल्ली: मेडिकल घोटाले में जांच से जुड़ी फोन कॉल की ट्रांस्क्रिप्ट मीडिया में लीक होने के मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को नोटिस जारी किया.


इस मामले में जज कुद्देसी के वकील ने कोर्ट में अर्जी लगाई थी. उन्होंने कहा कि जब मामले की जांच सीबीआई कर रही है तो ऐसे में मीडिया में जो ट्रांसक्रिप्ट जारी की गई है वह कैसे लीक हुई? इस पर अब कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी.


देश के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों की मान्यता बहाल करने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में जांच एजेंसी सीबीआई ने ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जस्टिस आई एम कुद्दुसी समेत छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इसी दौरान सीबीआई ने कई जगह छापेमारी भी की थी जिसमें सीबीआई के मुताबिक करीब दो करोड़ों रुपए की नगदी भी बरामद हुई थी. फिलहाल मामला दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में चल रहा है.


क्या है बातचीत में और क्या है पूरा मामला?
इस बातचीत में मेड़िकल कॉलेज घोटाले का राज छिपा है जिसमें कई जज भी संदेह के घेरे में हैं. इस बातचीत में मंदिर, प्रसाद, गमला, पापा, कैप्टन और सामान जैसे कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया है जिनका असल मतलब कुछ और है.


दावा है कि ये बातचीत पिछले साल सितंबर में ओडिशा के रिटायर्ड जज आईएम कुद्दुसी जो फिलहाल इसी मामले में जेल में हैं, बिचौलिए विश्वनाथ अग्रवाल और प्रसाद एजुकेशन ट्रस्ट के बी पी यादव के बीच हुई.


रिटायर्ड जज कुद्दुसी पर आरोप है कि उन्होंने प्रसाद मेडिकल कॉलेज में दाखिले पर लगी रोक के मामले में मनमाफिक फैसला दिलवाने का भरोसा दिया और इसके बदले में रिश्वत मांगी. आरोप के मुताबिक बिचौलिया विश्वनाथ अग्रवाल मेडिकल कॉलेज बीपी यादव के साथ ये पूरी डील कर रहा था.


प्रशांत भूषण ने मेडिकल कॉलेज घोटाले को चीफ जस्टिस और 5 वरिष्ठतम जजों को चिट्ठी लिख कर मामले की आंतरिक जांच की मांग की है. प्रसाद मेडिकल कॉलेज के केस में सीबीआई एफआईआर दर्ज कर चुकी है.


दावा किया जा रहा है कि ये बातचीत सीबीआई की जांच के दौरान ही रिकॉर्ड हुई है. एबीपी न्यूज ने सीबीआई से इस मामले में पक्ष जानना चाहा तो उन्होने कोई भी आधिकारिक टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.