Teesta Setalvad Case: तीस्ता सीतलवाड़ मामले में एसआईटी (SIT) ने एक और आईपीएस अधिकारी को तलब किया है. एसआईटी ने पूर्व डीआईजी और अहमदाबाद के तत्कालीन डीसीपी राहुल शर्मा (Rahul Sharma) को समन भेजा है. अनुच्छेद-218 के तहत सरकारी अधिकारी होने के नाते झूठे रिकॉर्ड बनाकर दूसरों को बचाने के मामले में जांच की जा सकती है. आपराधिक साजिश मामले और धोखाधड़ी को लेकर भी जांच होगी.
बता दें कि, अहमदाबाद अपराध शाखा ने तीस्ता सीतलवाड़ को 25 जून को उनके एनजीओ से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में पूर्व आईपीएस अधिकारी आरबी श्रीकुमार भी जेल में हैं. तीस्ता सीतलवाड़ को 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित उच्च पदस्थ अधिकारियों को फंसाने के लिए कथित रूप से दस्तावेज बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
एसआईटी ने किए हैं कई खुलासे
इस मामले को लेकर बाद गुजरात पुलिस ने एसआईटी का गठन किया था. विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपने हलफनामे में आरोप लगाया है कि सीतलवाड़ और श्रीकुमार तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी सरकार को अस्थिर करने के लिए दिवंगत कांग्रेस नेता अहमद पटेल के इशारे पर की गई एक बड़ी साजिश का हिस्सा थे. इसमें आरोप लगाया गया है कि 2002 की गोधरा ट्रेन जलने की घटना के तुरंत बाद पटेल के कहने पर सीतलवाड़ को 30 लाख रुपये का भुगतान किया गया था. इस मामले में एक अन्य पूर्व पुलिस अधिकारी संजीव भट्ट भी आरोपी थे. हिरासत में मौत के मामले में वह पहले से ही जेल में हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा था?
सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ एफआईआर सुप्रीम कोर्ट के द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली जकिया जाफरी की याचिका को खारिज करने के एक दिन बाद दर्ज की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों (Gujarat Riots) में नरेंद्र मोदी (PM Modi) की कथित भूमिका की जांच की याचिका को खारिज कर दिया था. जकिया जाफरी पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी हैं, जो हिंसा के दौरान मारे गए थे. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि मामले में सह-याचिकाकर्ता सीतलवाड़ (Teesta Setalvad) ने जकिया जाफरी (Zakia Jafri) की भावनाओं का शोषण किया है.
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