Teesta Setalvad Bail: तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है. गुजरात दंगा केस में फर्जी हलफनामा दाखिल करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को जमानत दी है. 1 जुलाई को हाई कोर्ट ने तीस्ता की जमानत रद्द कर उनसे समर्पण करने के लिए कहा था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब तीस्ता को जेल नहीं जाना पड़ेगा.


हालांकि, तीस्ता को सुप्रीम कोर्ट ने 1 जुलाई को ही अंतरिम जमानत दे दी थी, जिसके चलते उन्हें समर्पण नहीं करना पड़ा था. अब उसी को नियमित ज़मानत में तब्दील कर दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी आर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि तीस्ता गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें. उनका पासपोर्ट भी फिलहाल निचली अदालत में जमा रहेगा.


पिछले साल हुई थी गिरफ्तारी
25 जून, 2022 को गुजरात पुलिस ने तीस्ता को गिरफ्तार किया था. 2 सितंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता को नियमित ज़मानत के लिए निचली अदालत या गुजरात हाई कोर्ट जाने को कहा था. अब गुजरात हाई कोर्ट ने पुलिस की तरफ से पेश सबूतों को देखते हुए तीस्ता को नियमित ज़मानत देने से मना कर दिया है. पुलिस ने यह बताया था कि तीस्ता ने तत्कालीन राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए कोर्ट में बनावटी सबूत पेश किए. गवाहों के भी झूठे हलफनामे दाखिल करवाए.


सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी की याचिका खारिज की थी. जाकिया ने कोर्ट की तरफ से गठित SIT की जांच रिपोर्ट खारिज करने की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग ठुकराते हुए तीस्ता सीतलवाड़ पर भी टिप्प्णी की थी. 


सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तीस्ता ने अपने फायदे के लिए जाकिया का इस्तेमाल किया. तीस्ता का मकसद किसी भी तरह इस मामले को बहुत दिनों तक जिंदा रखना था, ताकि उनको इसका फायदा मिलता रहे. ऐसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.  इसके बाद गुजरात पुलिस ने तीस्ता को गिरफ्तार कर लिया था.


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